For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

                          होली गीत  

 

  अर र र र  देखो सखी  तो पूरी लाल हुई

  रंग ना  गुलाल मै  तो शर्म से लाल हुई।

  पीर ना  दहन मोरे तन मन में आग लगी -2

   चाम  ना वसन जले मै तो जल लाल हुई।

   रंग ना-------------

  ले के रस रंग चली देवरों की टोली - 2

  घेर घेर घेर मई तो जय कन्हैया लाल हुई।

   रंग ना -------------

   आज तो बाबा भी करे हैं ठिठोली - 2

   लाज की चुनर ओढ़ मै हँस हँस निहाल हुई।

   रंग ना --------------

   पिया संग मनभावन होरी है आई सखी

    केसर कुंकुम  उड़े मै तो पूरी लाल हुई।

    रंग ना --------------

Views: 545

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by mrs manjari pandey on March 28, 2013 at 9:50pm

आदरणीय डॉक्टर अजय खरे जी होली गीत की सराहना के लिए बहुत बहुत साधुवाद।

Comment by mrs manjari pandey on March 28, 2013 at 9:49pm

डॉक्टर राम शिरोमणि पाठक जी  जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत

Comment by mrs manjari pandey on March 28, 2013 at 9:47pm

पंकज त्रिवेदी जी  जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत

Comment by mrs manjari pandey on March 28, 2013 at 9:46pm

योगी सारस्वत जी जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

Comment by mrs manjari pandey on March 28, 2013 at 9:44pm

 दिनेश ध्यानी जी होली गीत को पसंद कर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

Comment by Yogi Saraswat on March 19, 2013 at 3:14pm

आज तो बाबा भी करे हैं ठिठोली - 2

   लाज की चुनर ओढ़ मै हँस हँस निहाल हुई।

   रंग ना --------------

   पिया संग मनभावन होरी है आई सखी

    केसर कुंकुम  उड़े मै तो पूरी लाल हुई।

    रंग ना --------------

होली है ............

Comment by Pankaj Trivedi on March 19, 2013 at 5:48am

  पिया संग मनभावन होरी है आई सखी

    केसर कुंकुम  उड़े मै तो पूरी लाल हुई।

    रंग ना --------------


सम्माननीया मंजरी जी, 

क्या अदभुत भावाभिव्यक्ति है... मन नाच उठा जैसे मयूर बनकर...

जीवन के वैविध्य रंगों का प्रतिक है होली...

बधाई..

Comment by ram shiromani pathak on March 18, 2013 at 7:39pm

अर र र र देखो सखी तो पूरी लाल हुई...............bahot hi badiya adarneeyaa

Comment by Dr.Ajay Khare on March 18, 2013 at 2:44pm

holi ke pahale hi adarniy aapne rango se sarabor kar diya badhai mam

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी आदरणीय सम्मानित तिलक राज जी आपकी बात से मैं तो सहमत हूँ पर आपका मंच ही उसके विपरीत है 100 वें…"
4 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इसी विश्व के महान मंच के महान से भी महान सदस्य 100 वें आयोजन में वही सब शब्द प्रयोग करते नज़र आ…"
8 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मैं यह समझ नहीं पा रहा हूँ कि आपको यह कहने की आवश्यकता क् पड़ी कि ''इस मंच पर मौजूद सभी…"
19 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी ' मुसफ़िर' जी सादर अभिवादन अच्छी ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीया रिचा यादव जी सादर अभिवादन बेहतरीन ग़ज़ल हुई है वाह्ह्हह्ह्ह्ह! शैर दर शैर दाद हाज़िर है मतला…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर अभिवादन उम्द: ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई शैर दर शैर स्वीकार करें!…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी ' मुसफ़िर' जी सादर अभिवादन!आपका बहुत- बहुत धन्यवाद आपने वक़्त…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर नमस्कार आपका बहुत धन्यवाद आपने समय दिया ग़ज़ल तक आए और मेरा हौसला…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी, सादर आभार।"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service