For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,
जो कोई ध्यावे तन -मन से
उसका बेड़ा पार है.....

सृष्टि के कण -कण में
व्याप्त ओमकार है,
जीवन तत्व की धरोहर इसमें,
निहित ऊर्जा -का संचार है,

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,

मन -वीणा सुनो कभी,
उसमें बजता ओमकार बार-बार है,
जो न समझा इस सुर - ताल को,
उसका जीवन व्यर्थ नागवार है....

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,

त्रिदेवों के दर्शन पाने,
विचरता मनुज छोड़ घर -द्वार है ...
ॐ में ही समाहित
जन-हित का संसार है....

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,

ब्रह्मा - विष्णु - शिव
त्रिकाल दर्शन ही,
श्वास में बसाए ओमकार है,
बेसुध होकर नाचूँ मैं
जब मनवा गाये ओमकार है...

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,

पावन कर दे
चित्त - का आर है.....(आर-कोना )
ॐ भरे झंकार है
प्रभु जी तुम तो मेरे होना
अंतस करे पुकार है....

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,

नौका मेरी तट लगा दे
तू तो पतवार है....
मझधार में फंसा,
तेरा बच्चा, नादान है.....
श्रम करे तेरे द्वारे पहुँचने,
मार्ग-शीर्ष पहुँचाये ओमकार है,

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,

दीवा तेरा जलता रहे,
मन में फल निष्काम है,
आत्मज्ञान करावे मुझको
अलंकार तेरा जाप है....
ॐ ही सम्पूर्ण सुन्दरता,
मानव -धर्म समझना
मुक्ति आधार है,

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,

ध्यान का ये तल बने,
रस्ता मेरे लिए सहज चुने,
इन्द्रिये नियंत्रण करना सिखावे,
पहुँचाये मुझको
परम -धाम है.....

ॐ जग का सार है....
मुक्ति का आधार है,
जो कोई ध्यावे तन -मन से
उसका बेड़ा पार है.....Deepika Mandal

Views: 498

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepika Mandal on March 13, 2013 at 11:42pm

Vandana Tiwari:@@@ Abhar mam....

Comment by Deepika Mandal on March 13, 2013 at 11:41pm

Ram Shiromani Pathak:@@@ Shukriya sir...

Comment by Deepika Mandal on March 13, 2013 at 11:40pm

Savitri Rathore@@@ Bohot Bohot Dhanyavaad Mam....

Comment by Savitri Rathore on March 11, 2013 at 5:29pm

दीपिका जी 'ॐ' हमारी प्राचीन वैदिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।कहते है कि सम्पूर्ण ब्रहमांड इस ओमकार में ही समाया है।इस तथ्य की व्याख्या करते हुए इतनी सुन्दर रचना प्रस्तुति सराहनीय है।बधाई हो।

Comment by ram shiromani pathak on March 11, 2013 at 4:24pm

'ॐ' पर इतने दिव्य विचार प्रस्तुत करने के लिए .हार्दिक  बधाई।

Comment by Vindu Babu on March 11, 2013 at 10:57am
हमारी वैदिक संस्कृति का आधार 'ॐ' पर इतने दिव्य विचार प्रस्तुत करने के लिए सादर बधाई।
हम सब को इस अलौकिक सार को आत्मसात करें ऐसी मंगलकामना करती हूं

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"ख़्वाबों के मुकाम (लघुकथा) : "क्यूॅं री सम्मो, तू झाड़ू लगाने में इतना टाइम क्यों लगा देती है?…"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"स्वागतम"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"//5वें शेर — हुक्म भी था और इल्तिजा भी थी — इसमें 2122 के बजाय आपने 21222 कर दिया है या…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल है आपकी। इस हेतु बधाई स्वीकार करे। एक शंका है मेरी —…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"धन्यवाद आ. चेतन जी"
5 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय ग़ज़ल पर बधाई स्वीकारें गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतर हो जायेगी"
6 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
6 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल मुकम्मल कराने के लिये सादर बदल के ज़ियादा बेहतर हो रहा है…"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, आपने मेरी टिप्पणी को मान दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, मेरी शंका का समाधान करने के लिए धन्यवाद।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय शुकला जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service