For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दुनिया की सबसे छोटी कविता "एकादशी" (सिर्फ ११ अक्षर) का सूत्रपात OBO पर...

(१)          यमुना                                                                                           
निर्मल जल
खो गया
(२)
निशानी
ताज महल
प्यार की
(३)
आगरा
खुबसूरत
घूम लो
(४)
पत्थर
हुआ क्षरण
बचालो
(५)
योजना
कागज़ पर
सफल
(६)
यमुना
जल विहार
भूल जा
(७)
ओबीओ

साहित्य चर्चा
जय हो

(गणेश जी "बागी")

साथियों !
प्रतियोगिता "चित्र से काव्य तक" अंक ३ के तीसरे दिन श्री गणेश जी "बागी" ने साहित्य की एक नई विधा "एकादशी" का सूत्रपात किया, यह कविता का अति लघु रूप है, एकादशी तीन पक्तियों में लिखी गई ३+५+३=११ अक्षर की दुनिया की सबसे छोटी कविता है |

 

अब तक ज्ञात जानकारी के अनुसार दुनिया की सबसे छोटी कविता "हाइकु" कही जाती थी जिसका सूत्रपात जापान से हुआ, इसमें कुल तीन पक्तियों में ५+७+५=१७ अक्षर में कविता लिखी जाती है |

 

किन्तु अब सिर्फ ११ अक्षरों में एकादशी कविता लिख कर श्री गणेश जी "बागी" ने साहित्य की नई विधा का सृजन कर दिया है | ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार इस उपलब्धि पर गौरवान्वित है | आप सभी को बहुत बहुत बधाई |

Views: 1804

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वेदिका on February 19, 2013 at 6:55pm

आदरणीय  गणेश  "बागी" जी 

बहुत खूब .... बहुत खूब ...! मन खुश हो गया आपकी ये रचना पढ़ के !

मुझे एक प्यारा सा शीर्षक और भी सूझ रहा है इसका 

इसे "देसी सीर्सक"  भी कह सकते है 

"एक आध सी "

सादर वेदिका 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2013 at 11:02pm

आदरणीय राजेशझा जी, पोस्ट में ही सबकुछ लिखा है. गणेश भाई के इस सकारात्मक कृत्य पर ओबीओ गौरवान्वित है.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 7, 2013 at 11:00pm

पुनः बधाई, गणेशभाई.. .

Comment by MAHIMA SHREE on February 7, 2013 at 10:08pm

आदरणीय बागी जी ,नमस्कार

बहुत -२ बधाइयाँ आपको “ एकादशी “  विधा के नव सृजन के लिए


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 8:43pm

संदीप भाई , शुभकामना हेतु बहुत बहुत धन्यवाद |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 8:35pm

आदरणीय राजेश कुमार झा जी, एकादशी विधा के सम्बन्ध में विवरण रचना पृष्ठ पर ही दाहिने तरफ दिया गया है | पुनः बताना चाहूँगा कि एकादशी विधा शास्त्रीय विधा नहीं है बल्कि मेरे द्वारा किया गया एक अदना सा प्रयास है | यह कविता केवल तीन पक्तियों में लिखी जाती है, प्रथम पक्ति में ३, द्वितीय में ५ और तृतीय में ३ वर्ण होने चाहिए, आधा वर्ण की गिनती नहीं होती, पक्तियां तुकांत या अतुकांत दोनों हो सकती हैं, साथ ही तीनों पक्ति स्वतंत्र होनी चाहिए अर्थात एक ही वाक्य को तीन भाग में नहीं तोड़ना है | ३+५+३ = ११ वर्ण में आपकी बात पूर्ण होनी चाहिए |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 8:33pm

आशीर्वाद हेतु कोटिश : धन्यवाद आदरणीय लडिवाला जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 8:32pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 8:11pm

बहुत बहुत धन्यवाद , प्रिय संदीप द्विवेदी भाई |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 8:09pm

सराहना एवं प्रतिक्रिया एकादशियों हेतु बहुत बहुत आभार प्रिय विन्ध्येश्वरी प्रसाद जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. . समुन्दर ने नदी को ख़त लिखा है मुझे इन…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. जयहिन्द रायपुरी जी,पहली बार आपको पढ़ रहा हूँ.तहज़ीब हाफ़ी की इस ग़ज़ल को बाँधने में दो मुख्य…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service