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Rohit Dubey "योद्धा "'s Blog – June 2015 Archive (2)

माचिस की तीली की आत्मकथा ( लघुकथा )

सिरा है मेरा काला ,

तन है मेरा सफ़ेद |

मोल नहीं कुछ मेरा ,

करूँ अगर रंगों में मेरे भेद |

कोई ना जाने मोल मेरा,

गर रहूँ मैं डिब्बे में बंद |

बाहर निकल कर रगड़ जो खाऊं ,

तब बनु मैं ज्योत अखंड |

रहती हूँ अपनी सहेलियों के सांथ,

काम आती रहेंगी जो आपके ,

मेरे जाने के भी बाद |

लौ के रूप में उत्साह के सांथ हम बाँट लेती हैं एक दूजे का दर्द /``\ /``\

त्योहारों में दिया जलाकर खुशियां भी लाती हूँ |

बीड़ी-सिगरेट को जला कर धूम्रपान भी फैलाती…

Continue

Added by Rohit Dubey "योद्धा " on June 27, 2015 at 7:59pm — 7 Comments

वो चार पहियां गाड़ी

वो चार पहियां गाड़ी कहाँ मिलेगी कोई हमें  बता दे,

एक हमसफ़र के  साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे 



जिसमे न खिड़की हो,

जिसमे न दरवाज़ा ,

जो चले ज़रा धीरे-धीरे , 

बादलों को चीरे-चीरे |



वो चार पहियां गाड़ी  कहाँ मिलेगी कोई हमें  बता दे,

एक हमसफ़र के  साथ चलायें जिसे , ऐसी कोई खता दे 



पहियां बड़ा…

Continue

Added by Rohit Dubey "योद्धा " on June 23, 2015 at 7:30pm — 5 Comments

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