For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sanjay Rajendraprasad Yadav's Blog (26)

प्रीतम की गली.........

प्रीतम की गली.........

हर किसी के ज़िन्दगी में बसता है किसी के ख्वाबो का कारवां,

दूरियाँ मित जाती है मीट जाते है सारे शिकवे गीले,

हर किसी के धड़कन में होती है किसी की मुहब्बत जवां,

चाहतो का सैलाब लिए जब दो बदन हो एक मीले,

अपने प्रियवर के ख्वाब,को रोशन करे ऐ दिल की समां

उड़ चला जाता है ये मन इस दुनिया से दूर बहुत,

जहां प्रिय मिलन के मदहोश…

Continue

Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 26, 2011 at 6:30pm — 2 Comments

मौत सच्ची मनमित

मौत सच्ची मनमित

सुनहरे ख्वाब जो दिखाए जिंदगी ने,
है उसका क्या भरोसा  साथ कब तलक निभाएगी !!


है किये जिंदगी ने वादे बहुत,


मौत का वादा है पक्का एक दिन जरुर  आएगी !!



राहे लम्बी…
Continue

Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 24, 2011 at 9:38am — 1 Comment

तुम्हारी याद में.........

तुम्हारी याद में.........

अनमोल मोहब्बत जब रुसवा होती है

उर के बेदर्द खौफ से जिंदगी जुदा होती है

मौत से भी गहरी जिंदगी हो जाती है 

जब वफ़ा बेवफा हो जाती है 

दिशा देना चाहता हूँ आज मै जिंदगी को, 

भूला नहीं पाता हूँ कुछ की तेरी बंदगी को,

इस पल याद करता हूँ मै बीते उस पल को,

आपके आस्तित्व से धड़कते हुए उस दिल को,
तुम मुझमे आज भी ज़िंदा हो छोड़ तुम मुझे दिए तो क्या,
जिंदगी रोज़ खफा होती है नहीं बस आती मौत तो करे…
Continue

Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on February 24, 2011 at 9:30am — 1 Comment

वादे तेरे अब मेरे.......

वादे तेरे अब…

Continue

Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on January 12, 2011 at 5:04pm — No Comments

अब सफ़र का हो शायद अंत..

 

अब सफ़र का हो शायद अंत........

जब तुम नहीं साथ मेरे,…

Continue

Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on January 12, 2011 at 10:30am — 1 Comment

आप चले ए याद कब जाएगी?

 

आप चले ए याद कब जाएगी?

हमने तो…

Continue

Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on January 8, 2011 at 7:20pm — No Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तमाम जी, हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति , स्नेह और मार्गदर्शन के लिए आभार। मतले पर आपका…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service