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लक्ष्मण रामानुज लडीवाला's Blog (188)

प्रेम

प्रेम

 
प्रेम तो नयनो में ही बसते है
 

प्रेम नयनो से ही बरसता है 


नयनो नयनों में प्रेम होता है…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 5, 2012 at 12:28pm — 5 Comments

जिस गंगा की

जिस गंगा की 


हिमालय से कल-कल करती -
निरंतर बहती निर्मल  धारा
पवित्र गंगा-जल, वह मुक्ति धारा
मिलती कृषक को जिससे पवन माटी
जो गंगा मृतक अस्थियाँ भी…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 5, 2012 at 10:52am — 5 Comments

बंजारा

बंजारा लोगो की कैसी भी हो किस्मत 

 देखी  है उनमे, गजब की हिम्मत  |
बेदखल महाराणा के काल से बनजारा 
घूमता ही  रहा है शहर शहर बेसहारा |
देख  सपरिवार बेसहारा - 
भरी सर्दी में भी, 
बच्चे रहते  नंगे…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 2, 2012 at 10:30pm — 4 Comments

स्वप्निल पाती

इस प्यार भरे बासंती बयार में- 
तेरे स्वप्निल नयनो की पाती.
नयनो नयनो में मधुरगीत गाती 


स्वप्निल मधुर गीतों की पाती 
गायन के मौसम में खूब सुहाती …


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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 26, 2012 at 10:00am — 3 Comments

बेटियाँ



बेटियाँ



बेटियाँ 

बेटियां घर-घर की 

चहकती किलकारी हैं, …
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 24, 2012 at 5:30pm — 3 Comments

प्रतिष्ठा (लघु-कहानी)

जवाहरात व्यवसायी रामकिशन ने अपनी पढ़ी लिखी लड़की सोनाली के लिए अच्छा वर

तलाशने हेतु पांच सितारा होटल में उच्च घर्राने के कई लडके देखने के बाद, आखिरकार  सम्भ्रान्त परिवार के ही डा. राजवंशी के पौत्र एवं योगेश के पुत्र सौरभ के साथ सम्बन्ध तय किया |विवाह में शान-ओ-शौकत में काफी खर्चा किया एवं दहेज़ में भी जेवरात एवं…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 20, 2012 at 10:00am — 1 Comment

नन्ही लेखिका अक्षिता राष्ट्रीय बाल पुरस्कार लेते हुए

 
ढेर सारा प्यार,बधाई और शुभ् कामनाए
   





"दि. २४ नव. २०११. इंटरनेट पर हिन्दी की सबसे नन्ही लेखिका को भारत सरकार ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 
सम्मानित किया है. संभवतः ये पहला मौक़ा है जब भारत सरकार ने किसी प्रतिभा को हिन्दी के चिट्ठे के लिए 
सम्मानित किया है. ये सम्मान…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 20, 2012 at 9:30am — 6 Comments

कविता- डाक्टर

डाक्टर 

 

मरीजों की भीड़ को-

डाक्टर झट-पट ऐसे निपटाता रहा,

बगैर गर्दन उठाये-

मरीज का हांल-चाल कुछ सुनता रहा

मरीज दर्द से कराहता रहा-…

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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 18, 2012 at 3:00pm — 5 Comments

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