2122 2122 212
इस कदर था इश्क़ में डूबा हुआ।
चढ़ गया सूली पे वो हँसता हुआ।।
अब कहूँ क्या इश्क़ में क्या क्या हुआ।
हर कदम पर इक नया धोखा हुआ।।
जब किसी को इश्क़ में धोखा हुआ।
फिर उसे देखा नहीं हँसता हुआ।।
क्या बताऊँ मैं तुझे क्या क्या हुआ।
है मेरा जीवन बहुत उलझा हुआ।।
और कुछ तेरे सिवा दिखता नहीं।
इस कदर मैं तेरा दीवाना हुआ।।
मानता कब है किसी की बात वो।
वक़्त जिसका हो बुरा आया…
Added by surender insan on September 20, 2019 at 1:00pm — 2 Comments
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