For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr. Vijai Shanker's Blog – August 2015 Archive (3)

हम क्या कर रहे हैं -- डॉo विजय शंकर

देश बड़ा है , महान है ,

कहाँ है ,

हर एक तो अपने परिवेश

से परेशाँ है ,

सब अपनी अपनी पहचान

बता रहे हैं ,

दूसरे का अस्तित्व ही

नकार रहें हैं ,

स्वयं को खुद ढूंढ

नहीं पा रहे हैं ,

न अपने को समझा

पा रहे हैं ,

न दूसरे को समझा

पा रहे हैं ,

भटके हुए दूसरे को

रास्ता दिखा रहे हैं ,

कैसे कैसे टुकड़ों में

बँट रहे हैं ,

टुकड़ा टुकड़ा

लड़ा रहे हैं ,

कह रहे हैं हम

देश बना रहे हैं ॥



मौलिक एवं… Continue

Added by Dr. Vijai Shanker on August 27, 2015 at 9:26am — 8 Comments

कलयुग हैं , कलियुगी होना चाहिए ---डॉo विजय शंकर

आदमी को समय के साथ चलना चाहिए

कलयुग में हैं तो कलियुगी होना चाहिये ॥

चालाकियां होश्यारियां हुनर सब अपने लिए हैं

काम दूसरे का हो तो मासूम बन जाना चाहिए ॥

अपने सब काम क़ानून को ताख पर रख कर कर लें

दूसरे को सारे नियम क़ानून बताना चाहिए ॥

बात किसी की कभी काटनी नहीं चाहिए

काम किसी का भी हो करना नहीं चाहिए ॥

कहना किसी का भी हो मोड़ना नहीं चाहिए

तिनका किसी के लिए भी तोड़ना नही चाहिए ॥

आदमी को समय के साथ साथ चलना चाहिए

कलयुग में हैं तो घोर कलियुगी… Continue

Added by Dr. Vijai Shanker on August 24, 2015 at 8:30am — 16 Comments

कैसे कैसे बिकता है आदमी -- डॉo विजय शंकर

आदमी की कीमत समझता है आदमी

किस किस भाव देखिये बिकता है आदमी ॥



जमीर कीमती है जानता है आदमी

तभी उसका बड़ा खरीदार है आदमी ॥



जब चाहे जहां चाहे खरीद ले कोई

हर जगह हर वक़्त खूब बिकता है आदमी ॥



रिश्ते - दोस्ती में सब देखता है आदमी

बिकते समय कुछ नहीं देखता है आदमी ॥



खरीदार होना चाहिए देशी हो विदेशी

जानवर से भी सस्ते में बिकता है आदमी ॥



गुलामी कुप्रथा थी इक जो खत्म हो गयी

अब तो खुद बिकने को आज़ाद है आदमी… Continue

Added by Dr. Vijai Shanker on August 5, 2015 at 10:30am — 16 Comments

Monthly Archives

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहावली हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भूल सुधार - "टाट बिछाती तुलसी चौरा में दादी जी ""
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ.गिरिराज भंडारी जी, नमस्कार! आपने फ्लेशबैक टेक्नीक के  माध्यम से अपने बचपन में उतर कर…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service