For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षणिकाएँ --6 -डॉo विजय शकर

इतने कांटे
कि उनसे बचते-बचते
गुलाब क्या
हर फूल से हम
दूर हो गए .......... 1.

पेड़ कहीं जाते नहीं
फल पक जाएँ
तो रुक पाते नहीं....... 2 .

तुम क्या गये
मेरी तन्हाई
भी ले गये .......…… 3.

और यह भी , यूँ ही,

उनका लिखा शेर खूब चला, खूब चला, खूब चला,
चलना ही था , ट्रक के पीछे जो लिखा था ॥

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 823

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 16, 2015 at 7:52pm
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी , क्षणिकाएँ आपको पसंद आईं , अच्छा लगा। आपका आभार एवं आपको धन्यवाद।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 16, 2015 at 3:30am

आदरणीय विजय शंकर सर, बहुत ही गहन क्षणिकाएं हुई है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 15, 2015 at 11:12pm
आदरणीय सौरभ पांडे जी, आपकी सुरुचिपूर्ण पसंद मायने रखती है , बहुत बहुत धन्यवाद। विलम्ब का कारण यह रहा कि अब की इण्डिया में भयंकर व्यस्तता रही, नेट भी आखिर पंद्रह दिन बंद रहा , उसी भाग-दौड़ में कल हम कोस्टा रीका गए। अब संभवतः समय दे पाउँगा , सादर।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2015 at 2:08am

क्षणिकाओं के लिए बधाई आदरणीय विजय शंकरजी.  मुझे अंतिम प्रस्तुति मोह गयी.. :-))

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 14, 2015 at 10:40am

आपको क्षणिकाएँ पसंद आईं। आभार. धन्यवाद आदरणीय कृष्ण मिश्रा जी, सादर. 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 14, 2015 at 12:13am

बहुत ही सुन्दर क्षणिकाएँ हुयी है आ. विजय सर! हार्दिक बधाई!

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2015 at 11:58am

..छोटी बात असर बडा कर गई " बहुत सही कहा आपने , बात असरदार होनी चाहिए.
आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार, आदरणीय सुश्री कान्ता रॉय जी, सादर।

Comment by kanta roy on June 11, 2015 at 10:52pm
बहुत ही सुंदर है यह क्षणिकायें आदरणीय डा. विजय शंकर जी ......छोटी बात असर बडा कर गई । आभार
Comment by Dr. Vijai Shanker on June 11, 2015 at 8:29pm

आदरणीय विजय निकोर जी, आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद, सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 11, 2015 at 3:28pm

आदरणीय श्री सुनील जी , क्षणिकाएँ आपको अच्छी लगीं , लिखना सार्थक हुआ.  आपकी प्रशस्ति के लिए ह्रदय से बहुत बहुत आभार, धन्यवाद, सादर. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
30 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
17 hours ago
Shabla Arora updated their profile
20 hours ago
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
23 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, नाश सृष्टि का इस करना/ इस सृष्टि का नाश करना/...गेयता के लिए…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"  आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को प्रदत्त विषयानुरूप पाने के लिए आपका…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"क्या ही कथ्य, क्या ही तथ्य और क्या ही प्रवाह .. वाह वाह वाह ..  आदरणीय अशोक भाईजी, आपने…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service