2112 1212 2112 1212
आइना सामने रखा तुमने कमाल कर दिया
हो गए ला-जवाब वो ऐसा सवाल कर दिया
उनको गुरूर था बहुत जीत पे अपनी कल तलक
ख़ौफ़-ए-शिकस्त ने उन्हें आज निढाल कर दिया
तेज़ हवा ने यक-ब-यक जिस्म से खींच ली कबा
खुल गए ज़ख्म दुनिया को वाक़िफ़-ए-हाल कर दिया
ज़ोर चला है वक़्त पर कब किसी का बताइए
शम्स को भी तो वक्त ने पल में हिलाल कर दिया
जड़ दिए एक एक कर मेरे हुरूफ़ में गुहर
सागर-ए-इश्क़ ने मुझे…
ContinueAdded by शिज्जु "शकूर" on July 13, 2023 at 9:21am — 4 Comments
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