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Amita tiwari's Blog – June 2016 Archive (3)

पिता -प्रणाम

पिता 

परिवार -नैया पिता  पतवार  

तूफान-आंधी में  खेते जाते 

बोते जाते  श्रम -कण फसलें 

साधिकार पल जाती  नस्लें 

पिता के काँधे …

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Added by amita tiwari on June 19, 2016 at 7:18pm — 3 Comments

हमारे पास भी

हमारे पास  भी 
 
कहने को तो बहुत कुछ है हमारे पास भी 
ये बात अलग है कि कहते बनता नहीं 
ऐसा भी नहीं कि कहना नहीं जानते 
शब्द भंडार भी है अपार 
जानते हैं खूब वाक्य विन्यास 
फिर भी ऐसा कुछ है निःसन्देह  
रोक लेता है जुबान को 
लफ्ज़-ए - ब्यान को 
 
ठीक वैसे ही  जैसे 
सतीतत्व- प्रमाणिकता बनाम   
विश्वास भरोसे संवारती जानकी
अग्नि -परीक्षा के लिए…
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Added by amita tiwari on June 15, 2016 at 10:00pm — 5 Comments

हाँ !चुनाव तुम्हारा है

आते है गंदले कीचड़े उथले नारे नदी

मिलते है गंगा में और गंगा हो जाते हैं

पर गंगा बन मिलते है जब सागर में

गंगा के नामो निशाँ मिट जाते हैं .....…

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Added by amita tiwari on June 5, 2016 at 8:00pm — 7 Comments

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"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
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