For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

TEJ VEER SINGH's Blog – April 2018 Archive (4)

तन की बात - लघुकथा –

तन की बात - लघुकथा –

नंदू स्कूल का बैग पटक कर चिल्लाया,"माँ, मैं खेलने जा रहा हूँ। आज स्कूल की छुट्टी होगयी"।

"अरे रुक तो सही, क्या हुआ। अभी गया था और तुरंत वापस आगया। बता तो,क्यों हो गयी छुट्टी"? ममता रसोईघर से हाथ पौंछते हुई निकली|

"माँ, स्कूल की  एक लड़की ने स्कूल  में आत्म हत्या कर ली"।

इतना बोलकर नंदू खेलने दौड़ गया।

ममता यह खबर सुनकर बेचैन हो गयी।वह भी तुरंत स्कूल पहुंच गयी ।भीड़ लगी हुई थी।पुलिस वाले भी आ चुके थे।लोगों में कानाफ़ूसी चल रही थी।

कोई…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on April 24, 2018 at 6:03pm — 14 Comments

गुहार  -   लघुकथा –

गुहार  -   लघुकथा –

 मंत्री जी की गाड़ी जैसे ही बँगले से बाहर निकली, एक जवान औरत  हाथ में खून से  सनी दरांती और गोद में  छोटी बच्ची लिये गाड़ी के आगे आकर खड़ी होगयी। ड्राइवर ने बताया कि वह सुबह से आपसे मिलने की ज़िद कर रही थी। दरबान ने नहीं आने दिया।

"क्या हुआ बेटी। यह क्या हालत बना रखी है"?

"साहब मैं एक फ़ौज़ी की विधवा हूं। मेरा ससुर और देवर मेरी ज़मीन और मेरे शरीर के लिये मुझे परेशान करते हैं”|

"तुम थाने क्यों नहीं गयी। वहाँ जाकर रिपोर्ट लिखाओ"?

"गयी थी साहब।…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on April 21, 2018 at 11:42am — 10 Comments

पथरीली डगर  - लघुकथा –

पथरीली डगर  - लघुकथा –

"माँ, अब से हम अकेले स्कूल नहीं जाया करेंगे"?

"क्यों, क्या हुआ, मेरी बच्ची"?

 "आप बापू से बोलो, हमें स्कूल छोड़ने और लेने आया करें"।

"अरे कुछ बतायेगी भी कि बस एक ही रट लगा रखी है"?

"क्या बतायें, कुछ बताने लायक बात हो तब ना"?

"बिटिया, तेरे बापू को काम पर जाना होता है। कैसे तेरे साथ जायेगा"?

"तो फिर हम पढ़ाई छोड़ देते हैं"?

"कैसी बात करती है मेरी लाड़ो? तू हमारी इकलौती संतान है। हम दोनों तेरे भविष्य के लिये ही तो रात…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on April 13, 2018 at 3:45pm — 6 Comments

मानवता की मौत -- लघुकथा –

मानवता की मौत -- लघुकथा –

 दिल्ली की ब्लू लाइन बस में आश्रम से सफ़दरगंज अस्पताल जाने के लिये एक बूढ़ी देहाती औरत अपने साथ एक जवान गर्भवती स्त्री को लेकर चढ़ रही थी।

"अरे अम्मा जी, बस में पैर रखने को जगह नहीं है। इस बाई की हालत भी ऐसी है कि ये खड़ी भी न हो पायेगी। कोई और सवारी देख लो"? बस कंडक्टर ने सुझाव दिया|

"एक घंटो हो गयो, खड़े खड़े। लाड़ी के दर्द शुरू हो गये। अस्पताल पहुंचनो जरूरी है| सारी सवारी गाड़ियों की हड़ताल है, सरकार ने पेट्रोल के दाम बढ़ा दिये, इसलिये| घनी मजबूरी है…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on April 8, 2018 at 8:02pm — 12 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
5 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
11 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service