For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी)
  • Male
  • Khairabad, Sitapur U.P.
  • India
Share on Facebook MySpace

MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी)'s Friends

  • Dr T R Sukul
  • hina firdaus
  • शिज्जु "शकूर"
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
  • ASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)
  • मिथिलेश वामनकर
  • वीनस केसरी

MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी)'s Groups

Ham Apne Dard Ko Yunhi Bayan Nahi Karte

Loading… Loading feed

 

MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी)'s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Sitapur
Native Place
Khairabad
Profession
Student

MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी)'s Photos

  • Add Photos
  • View All

MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी)'s Videos

  • Add Videos
  • View All

MOHD. RIZWAN (रिज़वान खैराबादी)'s Blog

हमेशा जिसने मेरे साथ बस जफ़ा की है-ग़ज़ल

हमेशा जिसने मेरे साथ बस जफ़ा की है

उसी के वास्ते दिल ने मेरे दुआ की है



शराब लाने में ताख़ीर क्यों भला की है

ये इंतज़ार की शिद्दत भी इंतहा की है



तुम्हारे शेर से बेहतर हमारे शेर कहाँ

कि शेर ग़ोई की हमने तो इब्तदा की है



हर एक लफ्ज़ संवर जाये शेर के मानिंद

किसी ने आज ख़ुदा से इल्तजा की है



बड़ी कशिश है मेरे यार तेरे जलवों में

इसी लिए तो मेरे दिल ने भी खता की है



क़सम जो खाई है मजबूर हो के उल्फत में

क़सम तुम्हारी नहीं ये क़सम… Continue

Posted on November 10, 2017 at 10:53pm — 2 Comments

जश्न मिल जुल कर मनाओ यौमे आज़ादी है आज - ग़ज़ल

आग नफरत की बुझाओ यौमे आज़ादी है आज

दिल से दिल अपने मिलाओ यौमे आज़ादी है आज



मंदिरों मस्जिद के झगड़े छोड़ कर ऐ दोस्तों

बात कुछ आगे बढ़ाओ यौमे आज़ादी है आज



जो हक़ीक़त थी वो सब इतिहास बन कर रह गई

याद शोहदा की दिलाओ यौमे आज़ादी है आज



जान जब क़ुर्बान करते हो वतन के वास्ते

तो तिरंगा भी उठाओ यौमे आज़ादी है आज



हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के झगड़े भूल कर

"जश्न मिल जुल कर मनाओ यौमे आज़ादी है आज"



हमने छत दीवारो दर अपने सजायें हैं सभी

तुम… Continue

Posted on August 14, 2017 at 12:46pm — 8 Comments

ग़ज़ल - तड़प रहा हूँ मगर मुस्कुरा रहा है कोई

तड़प रहा हूँ मगर मुस्कुरा रहा है कोई

सितम पे और सितम आज ढा रहा है कोई



अदाओं नाज़ से दामन बचा रहा है कोई

की आज मुझसे निगाहें चुरा रहा है कोई



सहूंगा कैसे मैं ग़म अर्स-)ए जुदाई का

बिछड़ के मुझसे बहुत दूर जा रहा है कोई



हवाएं बुग्जो अदावत की लाख तेज़ सही

मग़र चराग़ वफ़ा के जला रहा है कोई



कमा के नेकियाँ फिर आज आखरत के लिए

नये मकान का नक्शा बना रहा है कोई



वफ़ा ही करता रहा आज तक मगर "रिज़वान"

नज़र से अपनी मुझे क्यूँ गिरा रहा है… Continue

Posted on May 28, 2016 at 3:30pm — 6 Comments

मोहब्बत की जो दिल में बहार रखते हैं

सुकून रखते है हर पल क़रार रखते हैं

मोहब्बत की जो दिल में बहार रखते हैं।।



वो आयेगा तो बहारें भी साथ लायेगा

उसी के आने का हम इन्तज़ार रखते हैं।।



कहाँ-कहाँ से मिले ज़िन्दगी की राहों में

हम अपने ज़ख्मों का खुद ही शुमार रखते हैं।।



कफ़न भी बांध के हमराह अपने सारे जवाँ

जो सरहदों पे हैं आँखें भी चार रखते हैं।।



यही है फितरते इन्सां तो इसको क्या कहिये

सब अपने-अपने लहू से ही प्यार रखते हैं।।



तालुक़ात कहाँ तक निभायें हम उनसे

जो… Continue

Posted on January 30, 2016 at 11:38am — 7 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
6 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service