इस वर्ष सारा राष्ट्र स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जन्म-शती मना रहा है। स्वामी जी द्वारा दिया गया विचार-दर्शन युग-युगीन और शाश्वत है। उनकी दिव्य वाणी अमरता का महान् संदेश प्रदान कर रही है। स्वामीजी के दर्शन की आज भी उतनी ही प्रासंगिकता है जितनी विगत 20 वीं सदी में रही थी। मात्र 39…
ContinuePosted on March 10, 2013 at 7:00am — 4 Comments
बाबासाहेब डा.अम्बेडकर ( जन्म दिवस 14 अप्रैल- निवार्ण दिवस 6 दिसंबर)
प्रभात कुमार रॉय
बाबासाहेब डा.अम्बेडकर एक अत्यंत प्रखर देशभक्त और राष्ट्रवादी थे। भारत की राजनीतिक एकता को मूर्तरुप देने का जैसा शानदार कार्य सरदार पटेल ने अंजाम दिया, उसी कोटि का अप्रतिम कार्य राष्ट्र की सामाजिक एकता के लिए डा.अम्बेडकर द्वारा किया गया। अपनी चेतना के उदय से अपनी जिंदगी के…
ContinuePosted on December 7, 2011 at 12:02pm — 2 Comments
अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेगें
आज़ाद ही रहे हैं आज़ाद ही रहेगें
अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद को उपरोक्त पंक्तियां अत्यंत प्रिय थी। इन्हे वह अनेक बार गुनगुनाया भी करते थे। चंद्रशेखर आज़ाद ने 27 फरवरी 1931 को ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के कंमाडर इन चीफ की हैसियत से इलाहबाद के अलेफ्रेड…
ContinuePosted on November 10, 2011 at 8:00am — 3 Comments
फिराक़ गोरखपुरी का असल नाम था रघुपति सहाय। 28 अगस्त 1896 को उत्तर प्रदेश के शहर गोरखपुर में पैदा हुए। उनके पिता का नाम था, बाबू गोरखप्रसाद और वह आस पास के इलाके के सबसे दीवानी के बडे़ वकील थे। रघुपति सहाय का लालन पालन बहुत ही ठाठ बाट के साथ हुआ था। 1913 में गोरखपुर के जुबली स्कूल से हाई स्कूल पास किया। इसके पश्चात इलाहबाद के सेंट्रल कालेज में दाखिला लिया। इंटरमीडेएट करने के दौरान ही उनकी मनमर्जी के विरूद्ध उनके पिता ने रघपति सहाय की शादी करा दी गई। यह विवाह उनकी जिंदगी में अत्यंत…
ContinuePosted on September 15, 2011 at 8:30pm — 5 Comments
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मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
सदस्य टीम प्रबंधनRana Pratap Singh said…
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