For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sarfaraz kushalgarhi
Share on Facebook MySpace
 

Sarfaraz kushalgarhi's Page

Latest Activity

Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"मुहतरमा डिंपल शर्मा जी बहुत शुक्रियः नवाज़िश"
Aug 29, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"मुहतरम दंडपाणि जी ग़ज़ल तक आने के लिये बेहद शुक्रगुज़ार हूँ आपका"
Aug 29, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"आदरणिया राजेश कुमारी जी बहुत शुक्रियः"
Aug 29, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"जनाब अनीश अरमान साहब ग़ज़ल तक आने के लिये बेहद शुक्रियः"
Aug 29, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"मुहतरम अमीरुद्दीन अमीर जी नवाज़िश के लिये बेहद शुक्रियः"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"जी मुहतरम अजय जी बेहद शुक्रियः आपका"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"जी उस्तादे मुहतरम ग़ज़ल तक आने के लिये बहुत शुक्रियः आपका सलामत रहें"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"आदरणीय नवीन जी उम्दः ग़ज़ल हुई है दिली मुबारकबाद आपको मतले में ज़लज़ला की जगह सैलाब या ऐसा ही कोई लफ़्ज़ हो तो बेहतर हो सकता है सिर्फ़ निजी मशवरः है"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"मुहतरमा डिंपल शर्मा जी बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद क़ुबूल करें"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"मुहतरम लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी उम्दः ग़ज़ल के लिये बधाई"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"आदरणीय दंडपाणि जी उम्दः ग़ज़ल है मुबारकबाद आपको"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"जी उस्तादे मुहतरम बहुत शुक्रियः"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-122
"221 2121 1221 212 जब नाम तेरा मेरी कहानी में आएगा तूफान आँसूओं का रवानी में आएगा-1 ऊला को सुन के वाह नहीं कीजिये जनाब  असली मज़ा तो मिसर-ए-सानी में आएगा-2 ये अब्र कह रहा है न बारिश करूँ अगर दरया को लुत्फ़ कैसे रवानी में आएगा-3 कर लूँ दोबारा…"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi commented on Sarfaraz kushalgarhi's blog post नाज़ नख़रों का अंदाज़....
"आदरणीय आशीष यादव जी बहुत नवाज़िश"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi commented on Sarfaraz kushalgarhi's blog post नाज़ नख़रों का अंदाज़....
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी ग़ज़ल तक आने के लिये बहुत शुक्रियः"
Aug 28, 2020
Sarfaraz kushalgarhi commented on Sarfaraz kushalgarhi's blog post नाज़ नख़रों का अंदाज़....
"आदरणिया मधु जी ग़ज़ल तक आने के लिये बेहद शुक्रियः"
Aug 28, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
Kishangarh dis banswara,rajasthan
Native Place
Kushalgarh
Profession
Business
About me
Poetry

Sarfaraz kushalgarhi's Blog

नाज़ नख़रों का अंदाज़....

212 212 212 212

नाज़   नख़रों   का  अंदाज़  अच्छा  लगा

इस  मुहब्बत  का  आग़ाज़  अच्छा  लगा-1

सोचा  था  हम  न  देखेंगे  मुड़  के  कभी

पर   बुलाने   का   अंदाज़   अच्छा  लगा-2

बेदख़ल दिल  से हमको  न करना  कभी

धड़कनों  का   तेरा  साज़  अच्छा  लगा-3

मेरी ख़ालिस  मुहब्बत को ठुकरा…

Continue

Posted on August 12, 2020 at 4:30pm — 15 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 4:10pm on August 12, 2020, रवि भसीन 'शाहिद' said…

आदरणीय Sarfaraz kushalgarhi भाई, आपका बहुत स्वागत है!

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
yesterday
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
May 31
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
May 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service