For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क़मर जौनपुरी
Share on Facebook MySpace

क़मर जौनपुरी's Friends

  • Rajesh Jaiswara 'राज जौनपुरी'
  • Harash Mahajan
 

क़मर जौनपुरी's Page

Latest Activity

क़मर जौनपुरी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-111
"अनीस भाई बहुत ख़ूब। मुझे वो क़ैद रहने की सज़ा इक बार फिर दे दो  बहुत आज़ाद लगता है रिहा होने से पहले था | सानी ठीक से नहीं निभा इसमें।"
Sep 28, 2019
क़मर जौनपुरी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-111
"बहुत बहुत शुक्रिया मुहतरम लक्ष्मण धामी साहब।"
Sep 28, 2019
क़मर जौनपुरी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-111
"बहुत बहुत शुक्रिया भाई आसिफ़ ज़ैदी साहब"
Sep 28, 2019
क़मर जौनपुरी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-111
"ग़ज़ल1222 1222 1222 1222 ये दिल इक सरफिरा बादल फ़ना होने से पहले थाबहुत मग़रूर आवारा तेरा होने से पहले था//१ बहाने आ गए आँसू बिछीं सड़कों पे जब लाशेंमगर मालूम उनको हादिसा होने से पहले था//२ अभी वो नाचता है बस हवाओं के इशारों पर बड़ा मग़रूर डाली से जुदा…"
Sep 28, 2019
क़मर जौनपुरी commented on Samar kabeer's blog post एक मुश्किल बह्र,"बह्र-ए-वाफ़िर मुरब्बा सालिम" में एक ग़ज़ल
"बहुत उम्दा मुहतरम"
Aug 17, 2019
क़मर जौनपुरी and Rajesh Jaiswara 'राज जौनपुरी' are now friends
Jul 10, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Jhumri Tilaiya
Native Place
Jaunpur
Profession
Hindi Teacher
About me
Myself Hindi teacher since 21 years. Trying to compose kavita and gazal

क़मर जौनपुरी's Blog

ग़ज़ल : आईना उसे सच का दिखा क्यों नहीं देते



221 1221 1221 122

बातिल को नज़र से ही गिरा क्यों नहीं देते

आईना उसे सच का दिखा क्यों नहीं देते//1

अब ऐब तुम्हारा तो नज़र आने लगा है

अफ़वाह नई कोई उड़ा क्यों नहीं देते//2

क्या बेच नहीं पा रहा अपनी अना को वो

अख़बार कोई उसको पढ़ा क्यों नहीं देते//3

महफ़िल में तमाशा न करो ऐ मेरे मुंसिफ़

क़ातिल तो वहीं पर है सज़ा क्यों नहीं देते//4

क्या प्यार सभी क़ौम से है उसको अभी तक

टीवी पे नई बहस दिखा क्यों नहीं…

Continue

Posted on March 12, 2019 at 1:13pm — 8 Comments

गज़ल: बच्चा बच्चा मर मिटेगा अपने हिंदुस्तान पर

2122 2122 2122 212

आंच आई गर कभी इस देश के अभिमान पर

बच्चा बच्चा मर मिटेगा अपने हिंदुस्तान पर//1

ये तिरंगा झुक नहीं सकता किसी के सामने

सर कटा देंगे हम अपना इसकी ऊंची शान पर//2

चाहे जितनी मुश्किलें आएं हमारी राह में

दाग़ हम लगने न देंगे देश के सम्मान पर//3

जीत लेंगे जंग हम दुश्मन लड़े चाहे जहां

ख़ौफ़ बरपा हम करेंगे शत्रु की मुस्कान पर//4

ज़ुल्म हम करते नहीं पर ज़ुल्म सहते भी नहीं

है भरोसा हमको अपने शांति के…

Continue

Posted on March 7, 2019 at 10:30pm — 2 Comments

गज़ल ( इश्क़ उम्मीद है)

2122, 1122, 1122, 22/112

सुर्ख़रू शोख़ बहारों सा चहक जाओगे

इश्क़ के बाग़ में आओ तो गमक जाओगे

गर इरादे हुए हैं बर्फ़ से ख़ामोश तो क्या

गर्मी-ए-इश्क़ में आ जाओ दहक जाओगे

इश्क़ की ताब का अंदाज़ा भला है तुमको

इसकी ज़द में ही फ़क़त आओ लहक जाओगे

रौनक-ए-इश्क़ की ताक़त को न ललकारो तुम

ख़ूब ज़ाहिद हो मगर तुम भी बहक जाओगे

इश्क़ ख़ुश्बू है इसे बांधने की ज़िद न करो

इसमें घुल जाओ तो दुनिया में महक जाओगे

इश्क़ के रंग व…

Continue

Posted on January 23, 2019 at 5:30pm — 7 Comments

गज़ल

122 122 122 122

ग़ज़ल

****

है दुनिया में कितनी रवानी न पूछो

महकती है कितनी कहानी न पूछो

इसे चाँद के पार जाना था मिलने

कहाँ रह गई ज़िंदगानी न पूछो

रहा दर बदर आशिक़ी का मैं मारा

गई बीत कैसे जवानी न पूछो

तेरे इश्क़ में मैंने गोता लगाया

मिली मुझको क्या क्या निशानी न पूछो

मुहब्बत की रस्में निभाते निभाते

रहा चश्म में कितना पानी न पूछो

कभी ग़म के बादल कभी सर्द आहें

पड़ीं कितनी बातें भुलानी न…

Continue

Posted on January 19, 2019 at 4:07pm — 8 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 5:56pm on May 17, 2025, Erica said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com)Thanks.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

गहरी दरारें (लघु कविता)

गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन भाईजी,  प्रस्तुति के लिए हार्दि बधाई । लेकिन मात्रा और शिल्पगत त्रुटियाँ प्रवाह…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी, समय देने के बाद भी एक त्रुटि हो ही गई।  सच तो ये है कि मेरी नजर इस पर पड़ी…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी आपकी प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. वैसे आपका गीत भावों से समृद्ध है.…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को साकार करते सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
Friday
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service