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Dr.Sarojini Sahoo
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Bhubaneswar
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Odisha
Profession
Writer
About me
A distinguished bilingual South Asian feminist writer

सरोजिनी साहू

नब्बे के दशक में कमलेश्वर ने ओडिया की लेखिका सरोजिनी साहू के सन्दर्भ

में लिखा था:

"प्रखरतम लेखिका के रूप में और यथार्थ स्पष्टवादिता के लिए सरोजिनी साहू

एक विशिष्ट नाम है. इनकी कहानियां मन को झकझोरती है. मध्यमवर्ग के

पारिवारिक जीवन की समस्याएं, उलझाने, सुख-दुःख, आशा-निराशा, संजोए-बिखरते

सपने, आम जिन्दगी के संघर्षशील अनुभवों को लेकर वे बड़े ही प्रखर शैली

में अपनी बात कहती हैं. ओडिया कथा-साहित्य में सरोजिनी साहू एक विशिष्ट

प्रतिभा का नाम है. अबतक उनका एक ही संकलन 'सुखर मुहाँ-मुहिं' प्रकाशित

हुआ है. यों नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाओं में उनकी कहानियां प्रकशिओत

होती रहती हैं और बहु-चर्चित कथा लेखिका के रूप में उनकी ख्याति है."

देखें: भारतीय शिखर  कथा कोष   (http://bit.ly/13Rs1MB)

नब्बे के दशक की उस प्रतिभाशाली लेखिका आज भारतीय साहित्य में न केवल

शीर्ष स्थान पर हैं, बल्कि भारतीय नारीवाद को उन्होंने एक नया आयाम दिया

है. हिंदी में, इस प्रखरतम प्रतिभा के, अबतक दो उपन्यास और दो कहानी

संग्रह प्रकाशित हो चुके है.

उनकी रचनाएँ भारतीय  साहित्य में नारीवादी धारा का प्रमुख स्तंभ हैं। इस कारण उन्हें शिमोन दबउआ(Simone de Beauvoir) भी कहा जाता है। पर वे हेगेलीय तत्व "अन्यान्य" (Others) के स्तर पर सिमोन से अलग हैं। जुडिथ बटलर (Judith Buttler) या वर्जीनिया वूल्फ़(Virginia Woolf) की सोच से भी उनका नारीवाद थोड़ा अलग है। नारीवाद को लिंग समस्या (जेंडर प्रॉब्लम) से आगे पितृसतात्मक समाज के प्रति विरोध से परे नारियों की समूचे दुनिया का अलग ढंग से अवलोकन करना उनकी रचनाओं की विशेषता है। उनकी रचनाओं में यौनता को नया आयाम देने की कोशिश की गई है। वे यौनता को केवल दैहिक वासनाओं से जोड़कर देखने के बजाय उससे आगे लैंगिक समस्या, लैंगिक भूमिका, लैंगिक समता, लैंगिक पहचान से जोड़ कर देखती हैं. उनका उपन्यास "उपनिवेश " ओड़िया साहित्य का प्रथम उपन्यास माना जाता है जिसमे नारी की यौन भावनाओं को मुक्त रूप से स्वीकारा गया है। उपन्यास की नायिका मेधा बोहेमियन नारी है और सारा जीवन एक पुरुष के साथ बिताने मे ऊब जाती है। उनका सबसे चर्चित उपन्यास "गम्भिरी घर" एक पाकिस्तानी कलाकार और भारतीय गृह वधु की प्रेम कहानी है। इसमें आतंकवाद ,राष्ट्र और व्यक्ति में चल रहे संघर्षों तथा पाप, पुण्य की भावनाओं के द्वंद्व का बखूबी चित्रण किया गया है। ओड़िया साहित्य में नारीवादी स्वर को प्रखर करने की दृष्टि से "गम्भिरी घर" की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

( सूत्र :हिन्दी विकिपीडियाअंग्रेजी  विकिपीडियाफ्रेंच विकिपीडियारशियन  विकिपीडियापर्तुगिज़   विकिपीडियाओडिया विकिपीडिया)

बाह्य सूत्र:

सरोजिनी साहू होम पेज

सेन्स एन्ड सेन्सुएलिटी (ब्लॉग)

सेंट ऑफ़ ऑन इंक  (ब्लॉग)

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Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

 
 
 

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