कुछ रोज ठहर जाते तो अच्छा होता,
हमें छोड़ जाने से मुकर जाते तो अच्छा होता,
यूं तो कई लोग तन्हा सफर करते हैं लेकिन,
इस सफर में तुम भी साथ आते तो अच्छा होता...
वैसे तो तेरे दुपट्टे के सिरहाने पर भी नींद अच्छी आती है,
पर तेरी गोद में सर रखकर सोते तो अच्छा होता,
गुज़ार तो सकते ही है तेरे इंतजार में ये जिंदगी,
मगर वक्त रहते तुम मिल जाते तो अच्छा होता...
हम तो कहने को थे कि तुम हीं हो हमारी आखिरी मंज़िल,
लेकिन तुम भी…
ContinuePosted on February 12, 2021 at 10:02am — 1 Comment
क्या जवाब दूँ तुम्हे मैं...ये जो सवाल है तुम्हारा...
हर रोज्र हारता हूँ...यहीं तो हाल है हमारा...
ये ख्वाब हीं बुरे हैं...
या फिर बुरा सा मैं हूँ...
सौ बार सोचता हुँ...
कुछ तो भला सा कह दूँ..
हर वक़्त एक सपना...
हाफीज्र सदा है मेरे...
कुछ पास है हमारे...
कुछ पास में है तेरे...
मै वक़्त का मुसाफिर...
अब वक़्त ढुँढता…
ContinuePosted on January 16, 2017 at 10:30pm — 4 Comments
हर रोज कहानी तेरी...
हर रोज तेरा अफसाना...
हम गूंथ रहे ख्वाबों में...
इस दिल का ताना बाना...
बस एक वो तेरी …
ContinuePosted on January 16, 2017 at 12:30pm — 3 Comments
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