For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

केशव
Share on Facebook MySpace
 

केशव's Page

Latest Activity

केशव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-117
"रोटी राम के नाम पे माँगी हुई रोटी भोले भालों से चुराई हुई रोटी लाठी के ज़ोर पे छीनी हुई रोटी मीठी है खुद की कमाई हुई रोटी । गरम गरम सेंकी हुई रोटी अच्छी भली फेकी हुई रोटी प्यारी है रात की बचाई हुई रोटी। महलों मे मख्खन लगाई हुई रोटी होटल की प्लेट…"
Jul 12, 2020
केशव replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-108 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. सतविन्द्र कुमार राणा जी अपने देशी अंदाज में कहूँ तो 'बवाल लिखा  है", शानदार भाव और सुन्दर शिल्प का परिचय दे रह है आपकी ये रचना  "उनके भी कुछ काम, नहीं क्यों आते पत्थर?" दिल को छू गई। "
Apr 18, 2020
केशव replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-108 in the group चित्र से काव्य तक
"कुण्डलिया छंद देश हमारा लड़ रहा, कोरोना से जंग ।पुलिस डॉक्टर हैं अगुआ, देश खड़ा है संग।।देश खड़ा है संग, बड़ी मुश्किल है आईहो जाओ तैयार, काल की कड़ी चढ़ाई।डूब रहा व्यापार, सभी का राम सहारा।कर विज्ञान प्रसार , लड़ेगा देश हमारा।। मौलिक व…"
Apr 18, 2020
केशव joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Apr 18, 2020
केशव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-114
"**ढूंढिए हर हाल मेंउम्मीद की किरण**  बहुत शानदार रचना आदरणीय गिरिधर सिंह जी। "
Apr 12, 2020
केशव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-114
"तुकांत कविता  उम्मीद की किरण मोती मोती मोती मन मोती रे छोटी मोटी बातें रहें होती रे। सुख दुःख आते जाते, काहे रोती रे? मोती मोती मोती मन मोती रे। जहर ये जीना है चैन जख्मों ने छीना है जानो ज़ख्म जिसे वही है जीवन की ज्योति रे। मोती मोती मोती मन…"
Apr 11, 2020
केशव replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" स्वर्ण जयंती अंक-50
"संभ्रांत लोग ( दूसरी प्रस्तुति) बिहार में दो तरह के लोग ही आम बोलचाल में खड़ी हिंदी बोलते है| एक तो दिल्ली पंजाब से लौटे मज़दूर, जिनकी पेट की आग ने उनकी बोली, संस्कृति उनसे  छीन ली है | दूसरे वो तथाकथित संभ्रांत लोग, जिनको अपनी बोली या संस्कृति…"
May 31, 2019
केशव replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" स्वर्ण जयंती अंक-50
"बहुत बहुत आभार आदरणीय, आपकी टिप्पणी मेरे जैसे नौसिखिये के लिए बहुत ही उत्साहवर्द्धक है|  आप कहानी में इतने सरे पहलू देख पाए ये आपकी महानता है | प्रथम प्रयास था गलतियों के लिए क्षमा चाहता हूँ |  "
May 30, 2019
केशव replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" स्वर्ण जयंती अंक-50
"चरित्रहीन "इस कॉलेज की सभी लड़कियां  चरित्रहीन हैं।" "मुझे तो आप चरित्रहीन लगते हैं, आप यँहा चाय बेचते हैं या लड़कियों को देखते हैं।" 'देखते थोड़े न हैं दिख जाती है, आँख तो नहीं मूंद सकते।" "दिख जाती हैं का…"
May 30, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
chhapra
Native Place
chhapra

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 5:21pm on May 17, 2025, Erica Woodward said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com)Thanks.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
31 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service