For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बिसरि गेलहुं गामक ओ धरती,
बिसरल कलमी आमक गाछी,
सींग टुटलकी गैया बिसरल
दूध पिबैत ओ करकी बाछी,
बिसरल नाच, विदेशिया नाटक,
आसिन मासक दुर्गा मेला
बिसरल गामक संगी साथी
खेलैत रही जेकरा संग खेला,

बिसरि गेलहुं धानक ओ रोपनी,
आरो बिसरल गंहुमक दौनी,
मकई, जनेरा, राहरि, तीसी,
बिसरल सामा,चीना, कौनी,

बिसरि गेलहुं बाबू केर गुस्सा
बिसरल मम्मी केर दुलार,
बिसरि गेलहुं घूरा तर बैठक,
जखन लगई छल हमरा जाड,

ऋतु बसंत केर शोभा बिसरल
बिसरि गेलहुं गर्मी बरसात,
जहिया सं परदेशी भेलहुँ,
सभटा बिसरल गामक बात,

मनोज कुमार झा "प्रलयंकर

Views: 691

Replies to This Discussion

बिसरि गेलहुं धानक ओ रोपनी,
आरो बिसरल गंहुमक दौनी,
मकई, जनेरा, राहरि, तीसी,
बिसरल सामा,चीना, कौनी,

बहुत ही सुंदर काव्य की प्रस्तुति, इस कविता के माध्यम से आप मुझे एक बार फिर मिथिला घुमा दिये ,बधाई हो मनोज भईया,
भाई मनोजजी प्रलंकर, सप्रम नमस्कार.
अहाँ सँऽ गप्प करू हम ई भाव टा हुलैस क आएब रहल अछि अहाँ कऽ रचना पइढ़ क.
हम कोना बिसैर सकइ छी दोनारक ऊ मजमा, टावर चौकक बजार, बेलाकऽ बाग-बगीचा आ लहेरियासराय सँऽ नाका 5 आ 6 होएत.. सैकिलक घंटी टुनटुनैत.. उमा सिनेमा सँऽ आगू बढ़नाय? कोना बिसैर सकइ छी हम गाम-गाम मे स्थापित मन्दिर? लोकैक अपनापन?

मिथिलाक ओज.. मिथिला कऽ शान..
पइग-पइग पोखर, माछ-मखान
भीजल चुइन आ भीजल कसैली
नीक जकाँ कत्था, भँगिया पान.. .
टटका दधि, कतरनी चूरा
जाड़ सँ कुनमुनैत ओड़ैत घूरा
नीक जकाँ रान्हल तीतल भात
बेसनक बजका तिलकोरइक पात..
कोना ई भूलब, की बिसैर सकैछी?

-- सौरभ
नमस्ते..
अहाँ क गप्प सुइन के जेना पीराएत नस पऽ आँङुर टा धरा गेल.
आज सँ लगभग 25-26 बरस पहिलें हमर दरभंगा में निवास छल... कुल तीन बरस लेल.
परिवारक लोक अहाँ बुझते होएब जे मिथिला भाषाभाषी नै छल, किन्तु हमरा सभक मिथिला भाषा खूब नीक लागै. आय देखू हम मुम्बई, चेन्नै.. हैदराबाद आदि-आदि स्थानसँ घुरि क इलाहाबाद में बसल छी, किन्तु मैथिलीक मिठास कतबो कम जे हुए से नै अछि.
जे लिखनाइ में भाषा दोष हुवै तऽ अहाँ सँऽ अपेक्षा अछि जे अगाह करब.

धन्यवाद.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
14 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service