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कैसे सिखाएं छोटे बच्चों को काव्य रचना का क ख ग......

चरण १. बच्चे को कहें अपना नाम लिखे. (पहली पंक्ति )

चरण २. वो जैसा दिखता है उस बारे में तीन विशेषण लिखे (दूसरी पंक्ति )

चरण ३. अपनी सबसे अच्छी बात लिखे ( तीसरी पंक्ति)

चरण ४. उसे किस चीज को सुधारना चाहिए यह लिखे (चौथी पंक्ति )

चरण ५. उसका सपना क्या है यह लिखे (पाँचवी पंक्ति )

चरण ६. जो कुछ भी वो कहना चाहता है वो लिखे (छठी पंक्ति )

चरण ७. फिर से अपना पूरा नाम लिखे.(सातवीं पंक्ति )

यह होगी पहली कविता से बच्चे के काव्य सीखने की शुरूवात.

 

दूसरी कविता के लिए कोई संज्ञा (व्यक्ति, स्थान या वस्तु ) चुनें.... जैसे सूरज, फूल, कोई हीरो, कोई कार्टून करेक्टर, कोई जगह जहाँ बच्चा घूम कर आया हो, कोई खिलौना जो उसे प्रिय हो....आदि आदि.. और ऊपर दिए हुए चरणों में थोड़ी सी फेरबदल के साथ दूसरी कविता लिखने को कहें.

अपने घर परिवार के बच्चों पर किया गया यह प्रयोग टिप्पणी में अवश्य साँझा करें ..

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Replies to This Discussion

आदरणीया प्राची दीदी......बहुत ही सार्थक चर्चा आपने की है.......बच्चों की काव्य में, काव्य रचना में रूचि हो तो उन्हें मशीनी बनने से बचाया जा सकता है.....मैं अगर अपनी बात करूँ तो मुझे स्वयं 13-14 साल की उम्र से कविता लिखने में दिलचस्पी रही है.....बच्चों के अन्दर काव्य-रचना के प्रति एक ललक होनी चाहिए......आपने जिस तरह चरणबद्ध ढंग से ऐसा करने का तरीका समझाया है वो भी प्रशंसनीय है.......बधाई 

प्रिय अनुज कुमार गौरव जी,

रचनात्मक लेखन के प्रति रूझान के बीजांकुर यदि बचपन से ही नन्हे हृदयों में रोप दिए जाएँ तो साहित्य का भविष्य स्वयमेव ही सुदृढ़ हो जाएगा, और बढ़ती उम्र के साथ बच्चों को भी सजगता और सभ्य चिंतन का आधार मिलेगा, और उनके विकास को सही दिशा भी.

मेरे इस प्रयास को आपने सराहा, इस हेतु आपकी आभारी हूँ. सस्नेह .

बहुत अच्छी शुरुआत है काव्य का भविष्य उज्जवल होगा। बधाई

हार्दिक आभार आदरणीय लून चरन जी 

मंच के इतर मंच से सम्बन्धित नौनिहालों के लिये बढिया वर्कशॉप होगा यह. भविष्य में अपने जैसों की खेप तैयार हो इसी शुभकामना के साथ हार्दिक बधाई.

इस आलेख के अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी 

आदरणीया प्राची जी, 

सादर 

सराहनीय कदम. 

मैं भी अपने पोते को हर विधा के लिए प्रोत्साहित कर रहा हूँ.

बधाई.

आदरणीय प्रदीप कुशवाहा जी, हार्दिक आभार.. ज़रूर सिखाएं अपने पोते को साहित्यिक विधाएं...और उसके द्वारा लिखी रचनाओं को मंच पर सबके साथ सांझा भी करें.

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