For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विहनि कथा ( seed story )

हिन्दी मे जिसे "कहानी" कहा जाता है उसे मैथिलीमे "कथा" कही जाती है। मगर हिन्दीमे जो "लघुकथा" है मैथिली मे भी उसे "लघुकथा" ही कही जाती है। बिडंबना यह रही है कि "कथा संग्रह" मे भी short stories लिखी जाती है और "लघुकथा संग्रह" मे भी short stories। वस्तुतः यह दुविधा मात्र अंग्रेजी नकल के कारण है। हम लोगों ने अंग्रेजी विधा के नाम का नकल तो कर लिया मगर उसके गुण और लक्षण को नहीं। अंग्रेजी मे जिसे short story कही जाती है वह मैथिली मे "दीर्घ कथा" है ( शायद हिन्दी मे भी )और अंग्रेजी मे जो story का रूप है उसे मैथिली मे उपन्यास कहा जाता है ( शायद हिन्दी मे भी) यहाँ यह कहना गलत न होगा कि कुछ अपवाद भी है। मगर मेरे समझ से दुविधा का यही कारण है कि हम लोगों ने अंग्रेजी विधा के नाम का नकल तो कर लिया मगर उसके गुण और लक्षण को नहीं।

इस स्थितिमे सन 1995 मे मुन्नाजी ( मूल नाम मनोज कुमार कर्ण ) ने मैथिली भाषा मे " लघुकथा" शब्द के बदले " विहनि कथा" कहने की वकालत की। मैथिली मे " विहनि " का मतलब " बीज " होता है। जिस तरह एक बीज मे पूरा वृक्ष होता है उसी तरह एक " विहनि कथा" मे संपूर्ण कथ्य होता है। इस नये नामाकरण का बहुत विरोध किया गया था मैथिली मे ( कुछ अब भी है ) मगर आज यह नाम युवा और नव लेखकों मे प्रचलित हो गयी है। और आमतौर पर 90% मैथिली लेखक "लघुकथा" शब्द के बदले " विहनि कथा" का प्रयोग कर रहे है।

Facebook

Views: 1048

Reply to This

Replies to This Discussion

भाई आशीष जी, मेरा भी इस विधा से नाता बहुत पुराना है। दरअसल मैं पंजाबी लघुकथा के साथ 1980 के दशक से ही जुड़ा हुआ हूँ, लघुकथा को पंजाबी में "मिनी कहानी" कहा जाता है। 1980 का दशक पंजाबी लघुकथा का एक युग माना गया है। आज भी मेरा मानना है कि उस ज़माने में लिखी गयी पंजाबी मिनी कहानियाँ भारतवर्ष की (हिंदी सहित) किसी भी भाषा से कथ्य व् शिल्प के लिहाज़ से कहीं आगे थीं। मैथिलि की तरह पंजाबी भाषा में भी इसके नामकरण को लेकर बहुत बहस हुई थी,  बहुत से पंजाबी लेखक इसे आज भी लघुकथा कहना ज्यादा पसंद करते हैं खैर, इसे "लघुकथा" कहें, "विहनी कथा" कहें या "मिनी कहानी" कहें, मेरे ख्याल से इस से कोई फर्क नहीं पड़ता। बल्कि विभिन्न भाषायों में इसके अलग अलग नाम होना यह साबित करता है कि यह विधा कितनी वर्सेटाइल है।

भाई आशीषजी, लघुकथा का नामकरण चर्चा का विषय अवश्य हुआ है. परन्तु लघुकथा में सन्निहित दोनों शब्द, लघु एवं कथा, स्वयं परिभाषित हैं. अतः अन्य या परिवर्धित नाम कुछ भी मिले या दिया जाय, अर्थानुरूप जो कुछ समझ में आता है वह इस संज्ञा का इंगित ही है.

मैथिली भाषाभाषियों के बीच ’विहनि’ शब्द से ’लघु’ का विशेष तरह की कथाओं के संदर्भ में निरुपण भले हो, किन्तु, ’लघु’ अपने आप में पूर्णशब्द है. ’बीज’ शब्द किसी विशाल के अत्यंत एनकैप्सुलेटेड प्रारूप है अतः, कथा-संप्रेषण के जिस ’प्रकार’ को इस तरह की कथाएँ जीती हैं वह ’बीज’ की संज्ञा से परिभाषित नहीं हो सकता है, ऐसा मेरा मानना है.

लघुकथाएँ किसी ’विशद-कथा’ का छोटा प्रारूप नहीं हुआ करतीं, न ही ये किसी बड़ी कथा का एक कथ्यांश भर होती हैं. बल्कि, ’लघु’ कथाएँ अपने आप में एक सम्पूर्ण कथ्य हुआ करती हैं जिनमें तथ्यानुसार और भावानुसार न एक वाक्य जोड़ा जा सकता है, न ही एक वाक्य कम किया जा सकता है. अन्यथा उनका ’हेतु’ ही समाप्त हो जायेगा. या यों कहें, उनका ’होना’ ही प्रश्न के दायरे में आ जायेगा.

अपनी ई-पत्रिका ’ओबीओ’ पर प्रस्तुत हुई आदरणीय योगराजभाईजी या भाई गणेश बाग़ीजी की कई सफल कथाओं को हम उदाहरण के तौर पर ले सकते हैं. यह अवश्य ही स्पष्ट होगा कि वो कथाएँ किसी वृहद कथा का कथ्यांश मात्र न हो कर अपने आप पूर्ण इकाई हैं. और उनका हेतु किन्हीं वृहद कथा या उपन्यास या कहानी से एकदम अलहदा है. इसी कारण, लघुकथा को हम लघुकथा ही कहें, न कि किसी वृहद का बीज रूप, भले ही व्यवहार में जो नाम चल निकले.

आशीष जी, मैं "विहनी कथा" नामकरण को चर्चा नहीं बनाना चाहता किन्तु जो मैं समझ पा रहा हूँ उस के अनुसार विहनी कथा यानि बीज कथा अर्थात वह कथा जिसका आकार तो वृक्ष समान है किन्तु उसे बीज रूप में सुक्ष्म किया गया हो मतलब वह कथा जो और विस्तृत हो सकती है वह "विहनी कथा" है ।
लघु कथा को जहाँ तक मैं समझा एक "पूर्ण कथा" किन्तु अपेक्षाकृत लघु रूप में जो अपने आकार में न और लघु हो सके और न ही दीर्घ साथ ही लेखक जो कहना चाह रहा हो वो पूरी तरह अभिव्यक्त हो जाए वही लघु कथा है ।
साथ ही मैं आदरणीय योगराज जी और आदरणीय सौरभ भईया के विचारों से भी सहमत हूँ ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
11 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
14 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service