For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

Views: 12362

Reply to This

Replies to This Discussion

तरही मुशायरे में शामिल होने के लिए इस्लाह करके ग़ज़ल पोस्ट करने को कहा जाता है क्या obo पर यह किसी तरह संभव है यदि हाँ तो कैसे ?

इस्लाह कराना एक व्यक्तिगत पक्ष है, ओ बी ओ पर जो सदस्य नियमित रहते हैं उनका मित्रवत सम्बन्ध अन्य सदस्यों से हो जाता है, उनमे से जिन्हें वो इस्लाह के योग्य समझते हैं उनसे पारस्परिक समझ के अनुसार इस्लाह कराते हैं, इसमें ओ बी ओ का कोई हस्तक्षेप नहीं होता ।  

बहुत बहुत धन्यवाद इस जानकारी के लिए 

पोस्ट कैसे व कहां करे?
— दयाराम मेठानी

मुख्य पृष्ठ पर बायीं तरफ ऊपर कोने में आयोजनों का मासिक कैलेण्डर व लिंक दिया होता है, वहां से लिंक क्लिक कर सकते हैं ।  

मिसरा-ए-तरह को हुस्ने मतला में प्रयोग किया जा सकता है या नही???

हुस्नेमतला भी क्या मतला नहीं होता ?

:-))))

शुभ-शुभ

चूंकि तरही मुशायरे में हम दूसरे शायरों की कही हुई ग़ज़ल से मिसरा चुनते हैं इसलिए मिसरा -ए-तरह को मतले में इस्तमाल करने से मना किया गया है जिसके पीछे की वजह यह है की शायर अपनी ग़ज़ल दूसरे मंचों पर भी पढ़ सके|

इस लिहाज़ से तरही मिसरे की गिरह हुस्ने मतला में बाँधनेपर कोई दिक्कत पेश नहीं आएगी|

आप बेझिझक हुस्ने मतला में गिरह लगा सकते है|

एक विशेष बात और जो मैं मुशायरे की पोस्ट में लिखना भूल गया था और बाद में जोड़ सका|

दी गई बह्र के पहले रुक्न २१२२ को ११२२ और अंतिम रुक्न ११२ को २२ करने की छूट है|

आज की अपनी पोस्ट *बात बनाए ना बने* कैसे ढूंढूं. नहीं मिल पा रही है -

Ajeet Sharma Aakash

आदरणीय अजीतआकाश जी, आपने अपनी ग़ज़ल को मुशायरे में ही पोस्ट की है न.. ?  तो उसको मुशायरे के आखिरी पन्नो में देखना मुनासिब होगा.
 

dhanyvaad bhaai !!!

आदरणीय , लाइव तरही मुशायरे के लिये गज़ल कहाँ पोस्ट करनी है , वहीं जहाँ बाक़ी रोज़ ब्लोग पोस्ट करते हैं या कोई दूसरी जगह , या मेल करना पडता है ?  कृपा कर बात साफ कीजिये !!

                                                     सादर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service