For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।
 
पिछले 67 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलम आज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-68

विषय - "प्रकृति और पर्यावरण"

आयोजन की अवधि- 10 जून 2016, दिन शुक्रवार से 11 जून 2016, दिन शनिवार की समाप्ति तक

(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)

 
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

 

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :- 

  • सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान मात्र दो ही प्रविष्टियाँ दे सकेंगे. 
  • रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  • रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फॉण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
  • रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
  • प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर संकलन आने के बाद संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.


आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है. 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं. 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.   

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 10 जून 2016, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें
मंच संचालक
मिथिलेश वामनकर 
(सदस्य कार्यकारिणी टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 14955

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीया प्रतिभाजी

आपको रचना पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ। अनुमोदन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार। दानव अपना घर नहीं फूँकते लेकिन हम सब तो पागल दानव [मानव] हैं।

बहुत सुन्दर रचना आदरणीय सर जी! संदेशात्मक बेहतरीन लेखन ।बहुत बधाई ।

आदरणीया राहीलाजी

आपको रचना पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ।  प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।

आने वाली पीढ़ी वरना, सहज श्वास ना ले पाएगी।
जब दानव की बात करेंगे, याद पूर्वजों की आएगी॥..... वाह ! बरबादी से आबादी की ओर एक आस की विश्वास जगाये सार्थक कथ्य निकलकर आया है आपकी इस कविता में आदरणीय अखिलेश जी । इस अप्रितम रचना के लिए बधाई प्रेषित है ।

आदरणीया कांताजी

आपको रचना पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ। अनुमोदन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।

आयोजन की शुरुआत ही एक प्रभावी और सत्य बोलती रचना से होना, आयोजन के विषय की सार्थकता और इससे सम्बन्धित समस्याओं की गहराई के प्रति रचनाकार की चेतना और जागरुकता को दर्शाता है. आदरणीय अखिलेश भाईजी, इस प्रस्तुति पर हार्दिक साधुवाद. आपने करीब हर पहलू को समेटते हुए प्रकृति विनाष के प्रति निर्लिप्तता को निर्मम लताड़ लगायी है. ऐसे एकांगी विकास का क्या लाभ कि मानव जाति ही अपनी कब्र खुदी देखे ! बहुत ही सधी हुई बातें रखी हैं आपने, आदरणीय.

शैल्पिक दृष्टि से भी यह रचना सहज दिखती हुई है.  हाँ, गेयता के लिए एक-दो स्थानों पर शब्दों को कलों के हिसाब से पुनर्स्थापित किया जा सकता है. यह सुधीपाठकों को वचनक्रम में ही समझ में आ जाता है. लेकिन ऐसा कुछ चुटकी भर ही है.

अलबत्ता पहले बन्द में ’तेरी’ को ’सारी’ कर देने से बन्द में प्रतीत होता वचन-दोष तिरोहित हो जायेगा. 

पुनः, इस सधे प्रयास केलिए हार्दिक बधाई ...

आदरणीय सौरभ भाईजी

इस " तेरी " ने मेरी भी हालत खराब कर दी , कोई विकल्प सूझ ही नहीं रहा था। और आपने बड़ी सहजता से " सारी " का सुझाव दे दिया जो सटीक है, आज सुबह संशोधन में  // कहाँ खो गई, सब चतुराई // का ख्याल आया लेकिन गेयता की दृष्टि से " सारी "  बिल्कुल सटीक है।

शैल्पिक दृष्टि से भी यह रचना सहज दिखती हुई है.  हाँ, गेयता के लिए एक-दो स्थानों पर शब्दों को कलों के हिसाब से पुनर्स्थापित किया जा सकता है......... आप सही पकड़े हैं और मुझे भी इसका आभास है पर समय पर समाधान न हो तो  मजबूरी वश 'संतोषप्रद" से काम निकालना पड़ता है। वैसे बिहार की हाल घटनाओं को देखते हुए लगता है कि ओ बी ओ में हम

जैसे जितने सिखाड़ी  हैं वे सभी टॉपर हैं।  

उत्साहवर्धन अनुमोदन  प्रशंसा और सही सुझाव के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।

सादर

टॉपर के ऊपर सब टॉप !.. हा हा हा................

हा हा हा 

बर्बाद कर दिये वन उपवन, गमलों में पेड़ लगाते हो!                                                                                

इस कंकरीट के जंगल में, क्यों गर्मी से घबराते हो ??..........अच्छी  लताड़  लगाईं  है.

आधी धरती वन में बदलो, हरा भरा हर शहर गाँव हो।                                            

जहर उगल न पाये चिमनियाँ, यहाँ वहाँ हर जगह छाँव हो॥ ..........सच  कहा है. हरियाली बढाने  और प्रदूषण  घटाने में हर  इंसान  को सहयोग  करना  चाहिए.

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर  नमन, प्रदत्त विषय  को  सार्थकता प्रदान करती सुन्दर छन्दबद्ध रचना हुई है. बहुत-बहुत बधाई  स्वीकारें. सादर.

आदरणीय अशोक भाईजी

आपकी प्रतिक्रिया से मेरा लिखना सार्थक हो गया। उत्साहवर्धन अनुमोदन  और प्रशंसा  के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।

बहुत सुन्दर आदरणीय अखिलेश जी, अविवेकपूर्ण कृत्य वर्तमान को तो नष्ट करते ही हैं भविष्य के लिए भी दव पर लगा देते हैं।

"ज्ञान कम अभिमान है जादा, विनाशकारी मति पाई है।
बर्बाद कर दिये धरती को, अब नजर चांद पर आई है॥ "
सादर बधाई निवेदित।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service