For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हे प्रभु ! मृत्यु आपके हाथ में है परंतु मरे तो मरे कौन और कब मरे?

प्रस्तुत कविताएँ ' पारसनाथ ' द्वारा रचित हैं . इन कविताओं को
मेरे दादाजी अक्सर सुनाया करते हैं. आपको भी पसंद आयेंगी .

1.

प्रस्तुत कविता में एक किसान ईश्वर को अपनी व्यस्तता
बताते हुए अर्ज करता है कि आप ही मेरे मरने का समय
निश्चित करो-

फागुन में मरूँ तो कच्चा अनाज रहे,
चइत में ताव आयो कटिया कराइके,
बैसाख अऊर जेठ में दौंरी व ओसवनी रही,
चढ़त असाढ़ फिर हल की जोताई है,
सावन व भादों में सोहनी व रोपिया रही,
चढ़त कुआर फिर कोदवे कटाई है,
कातिक में बावग तो चहुँदिस खुल गयो,
अगहन व पुस में जौ की सिंचाई है,
माघ में मरूँ तो घर में अनाज न रहे,
केते दिन भूखे रहत, फागुन निअराई है,
प्रभु से विनती पारसनाथ करत हौं,
कब मरूँ प्रभु आप ही बताइ हैं.

2.

प्रस्तुत कविता में एक किसान ईश्वर को परिवार के सभी
सदस्यों की महत्ता को बताते हुए अर्ज करता है कि आप ही
निश्चित करो कि कौन मरे-

लड़का मरे तो सुनी होत मातु गोद,
जुबा (युवा) मरे तो नारि घर में रुलाई है,
अधबुड़ मरे तो परिवार को सँभाले कौन,
चौथापन आई निगचाई है,
बुढ़ा मरे तो फिर घर की मलिकाई गयो,
घर की पुरानी रीति बुढ़िया बताई है,
जुवती मरे तो लड़के को दुख होय,
लड़का ना रहे तो नाम ही मिटाई है,
प्रभु से विनती पारसनाथ करत हौं,
कौन मरे प्रभु आप ही बताइ हौं.

संकलनकर्ता-
प्रभाकर पाण्डेय
मोबाइल- 8975941372
****************************************************************************************************
http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/P/PrabhakarPandey/PrabhakarPandey...
http://nanihal.blogspot.com
http://deoria.blogspot.com
http://www.anjoria.com/v1/sahitya/gopalpuriya16.htm
http://pandiji.blogspot.com
http://prabhakargopalpuriya.blogspot.com
http://sokhababa.blogspot.com
http://www.cfilt.iitb.ac.in/wordnet/webhwn/wn.php
***************************************************************************************************
Creator- http://hindihindi.ning.com
Editor-in-chief 'Bhojpuri Express'- www.bhojpuriexpress.com
State President (Maharashtra) 'Young Indian Organization'- http://youngindian.org
treasurer- Ashirbad (आशिर्वाद)..NGO
****************************************************************************************************

Views: 930

Reply to This

Replies to This Discussion

Bahut hi badhiya sankalan hai, sri Paras Nath jee ney apni kavita key madhyam sey baut hi sharal shabdo mey aam logo key manobhav ko vyakt kar diyey hai,
bahut badhia sir ji
अब तो प्रभु भी डरते हैं मृत्यु लोक से
इतनी अंधेरगर्दी जो है
बहुत ही सुन्दर कविता.
पहिली कविता हमके बहुत ही बढ़िया लागल.
एह कविता में किसान के बारे में कहल जात बा की बिचारा के कबहूँ ना समय रहेला उ चाहे सावन हो, चाहे फागुन. फिर भी त सब ओकरे के लूटत बा.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
14 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
17 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service