For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

किसी ने सच ही कहा है कि समय के पंख होते हैं। अब देखिये न देखते ही देखते पाँच साल गुज़र गए और हमारा प्रिय ओपनबुक्स ऑनलाइन छठे वर्ष में भी प्रवेश कर गया। सफर बेहद खुशनुमा रहा, रास्ते आसान नहीं थे। मगर हमसफ़र हमेशा ही दिलदार थे, समय समय पर रास्ता दिखाने वालों का साथ मिलता रहा - अब भी मिल रहा है। एक इकहरी शाख़ को एक छतनार शजर बनते हुए देखने का अनुभव कितना सुखद कितना जादुई होता है। तक़रीबन पाँच साल पहले गणेश जी बागी के नेतृत्व में इस सुहाने सफर की शुरुयात् हुई थी। उस समय भले ही जोश का बोलबाला था किन्तु एक जज़्बा था, एक आग थी सभी के अंदर कुछ कर गुजरने की। समय गुजरने के साथ ही जोश और होश का सुमेल होना प्रारम्भ हुआ और उस आग को एक मशाल का रूप मिला। उस मशाल को लेकर रौशनी बांटने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह निर्बाध जारी है।

इन गत पाँच वर्षों में ओबीओ परिवार न केवल अकार ही में बड़ा हुआ बल्कि साहित्यिक क्षेत्र में इसके सम्मान में भी कई गुणा वृद्धि हुई है। इसका सारा श्रेय मँच के शुभचिंतकों को जाता है। क्योंकि हमने पांच साल पहले जिस परिवार की कल्पना की थी, उसको साकार करने में इन्ही साहित्यानुरागियों की महान भूमिका है। इस अवसर पर मैं उन सभी महानुभावों का ह्रदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ।

मुझे यह बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि हमारे दो आयोजन; "ओबीओ लाईव महा-उत्सव" तथा "ओबीओ लाईव तरही मुशायरा" अपनी "स्वर्ण जयंती" मना चुके हैं। तीसरा आयोजन "ओबीओ ’चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" भी इसी वर्ष अपनी पचासवीं पायदान पर चढ़ने वाला है। यह तीनो आयोजन विश्व भर के साहित्य प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं, इन तीन आयोजनों से इस मँच का कद और भी बुलन्द हुआ है। छंद और ग़ज़ल क्षेत्र में इन आयोजनों के माध्यम से ओबीओ के योगदान की सर्वत्र भूरि-भूरि प्रशंसा की जा रही है।

पारदर्शिता एवं लोकतांत्रिक क्रियाकलाप ओबीओ का एक मूल मंत्र रहा है। हर छमाही नई प्रबंधन समिति एवं कार्यकारिणी का चुनाव इसकी निशानी है। बिना किसी भेदभाव या राग-द्वेष के नवांकुरों को प्रोत्साहित करना हमारा उद्देश्य रहा है। हमें अपनी उपलब्धियों पर मान अवश्य है किन्तु किसी प्रकार का घमंड या खुश-फहमी क़तई नहीं। हमारे कार्यों में भी कोई कमी-बेशी अवश्य रही होगी। यदि सम्माननीय सदस्य इस और भी रौशनी डाल सकें तो बहुत अच्छा रहेगा। उन कमियों को सुधारने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त भी मँच को बेहतर बनाने हेतु यदि कोई सार्थक सुझाव देना चाहें, तो हार्दिक स्वागत है।  

पिछले काफी समय से हमारे लघुकथाकार साथियों की यह मांग रही है कि मंच पर लघुकथा से सम्बंधित एक मासिक आयोजन भी रखा जाए। मेरा निजी मत भी यही है कि मँच पर एक आयोजन ऐसा हो जहाँ सदस्यगण लाईव किसी प्रदत्त विषय/चित्राधारित  अपनी लघुकथाएँ पोस्ट कर सकें। उन लघुकथायों के गुण-दोषों पर विस्तृत समीक्षा की जाए। ओबीओ ने  भारतीय शास्त्रीय छंदों पर उल्लेखनीय काम हो रहा है। ग़ज़ल पर भी महत्वपूर्ण काम हुआ है, अब लघुकथा पर भी सार्थक काम करने का समय भी अब आ चुका है। इस सिलसिले में आदरर्णीय सदस्यगणों की राय का इंतज़ार रहेगा।
  
अंत में इस शुभ अवसर पर मैं ओबीओ संस्थापक भाई गणेश जी बागी को हार्दिक धन्यवाद कहना चाहूँगा जिन्होंने हम सब को यह महान आकाश बख्शा । जिसमे हम सभी को उड़ान भरने में सक्षम किया। प्रबंधन समिति एवं नई पुरानी कार्यकारिणी के सदस्यों ने जिस प्रकार कंधे से कंधा मिलकर, लगन और निष्ठा के साथ जो योगदान दिया है, उसके लिए भी मैं हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि पाँच वर्ष पहले प्रारम्भ हुआ यह सफर अपनी मंज़िल की तरफ यूँ ही बढ़ता चला जाएगा।

Views: 2954

Reply to This

Replies to This Discussion

जनाब योगराज प्रभकर जी,आदाब,ओ बी ओ के पाँच वर्ष पूर्ण होने की ख़ुशी में अपनी भावनाऐं एक ग़ज़ल के रूप में पेश कर रहा हूँ :-
★★★★★
ज़बाँ पे सब की फ़क़त एक नाम ओबीओ
है सब से ऊँचा तुम्हारा.मक़ाम ओबीओ

वो योगराज हों,सौरभ हों या कि "बाग़ी" हों
हैं सब ही लायक़-ए- सद एहतराम ओबीओ

ये पाँच साल तो चुटकी बजाते बीत गए
अभी तो करना हैं कितने ही काम ओबीओ

यक़ीं हैं पाँच में ज़ीरो भी लग ही जाएगा
रहेगा यूँ ही अगर तेज़ गाम ओबीओ

मनाऐं जश्न सभी मिलके पाँच वर्षों का
ये मशवरा है करे एहतमाम ओबीओ

फिर एक बार मैं सब को बधाई देता हूँ
क़ुबूल करलो "समर" का सलाम ओबीओ
★★★★★

ओबीओ परिवार के सभी सदस्यों को तहे दिल से मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

ग़ज़ल के माध्यम से इस खिराज-ए-अक़ीदत जवाब नहीं मोहतरम समर कबीर साहिब। मंच के प्रति आपकी आपकी निष्ठा और मोहब्बत काबिल-ए-एहतराम भी है और बायस-ए-मसर्रत भी। आपकी आमद से यह मंच और भी समृद्ध हुआ है। एक टूटा-फूटा मतला आपकी ग़ज़ल को अर्पित कर रहा हूँ, स्वीकार करें :

रहे जुबान पे यों सुब्ह शाम ओबीओ
हुआ है यार ये तकिया कलाम ओबीओ 

सर्वप्रथम आपसभी गुनीजनो का  हार्दिक शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने इस पावन मंच की शिला रखी ,और आज उन सभी सदस्यों का अभिनन्दन जिन्होंने इसे एक इमारत का रूप दिया ,,प्रभु से यही प्राथना है ,,ये ईमारत और ऊँची हो ,,जिससे हम जैसे नये साहित्य प्रेमिओं को और सीखने को मिले ,,,आ.योगराज सर लाइव लघुकथा आयोजन पर मैं सहमत हूँ |

मेरे विचार का अनुमोदन करने हेतु हार्दिक आभार भाई महर्षि त्रिपाठी जी। मुझे विश्वास है कि इस सिलसिले में बहुत जल्द ही हम सब को खुशखबरी मिलेगी।    

ओ.बी.ओ के पांच वर्ष पूर्ण होने पर संस्थापक सदस्याओं, तीनो आयोजन के मंच संचालको के साथ-साथ सभी सम्मानीय सदस्याओं को हार्दिक बधाई । "सीखो और सीखने दो" को चरित्रार्थ करते हुये हर नये कलमकार को उंगली पकड कर चलना सीखाते आ रहे है ।  साहित्य की विधा और ब्याकरण का ध्यान इस मंच के अतिरिक्त शायद और कोई दूसरा मंच होगा । इस प्रयास में कुछ ना कुछ सभी का योगदान है किन्तु मैं विशेष कर आदरणीय गणेश बागीजी, आदरणीय योगराज प्रभाकरजी, आदरणीय सौरभ पाण्डेजी का विशेष आभारी हू, जिनके मार्गदर्शन में मैं छंद विधा सीख रहा हू । मैं इस मंच का आजीवन आभारी रहूंगा ।

सीखने और सिखाने के अपने मूल उद्देश्य में यदि हम थोड़ा बहुत भी सफल हो पाए हों, तो यह मंच के लिए गर्व का विषय है भाई रमेश कुमार चौहान जी।

पाँच वर्ष पूर्ण हो गये, सभी को हार्दिक बधाई.

मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि ओबीओ से बरसों से जुड़ाव रहा है. क्या हम सब ने हर पल को बरसों की तरह जिया है ?

व्यक्तिगत रूप से मैं इस बात को कहते हुये गर्व महसूस कर रहा हूँ कि आज साहित्य जगत में मेरी थोड़ी बहुत जो भी पहचान है, उसका श्रेय ओबीओ को ही जाता है. जय ओबीओ..

आप ही नहीं हम सब इस मंच के ऋणी हैं आ० अरुण निगम भाई जी। जिस परिवार की परिकल्पना की गई थी उसे साकार होते देखना बेहद रोमांचकारी है।

  मेरी तरफ से भी सभी दोस्तों को ओबीओ के  पाँच वर्ष पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई 

आपको भी हार्दिक बधाई आ० मोहन बेगोवाल जी।

ओबीओ की पाँचवीं वर्षगांठ पर - हार्दिक शुभकामनायें - ओ बी ओ एडमिन का बहुत बड़ा योगदान है, इतना आसान नहीं है हर दिन अपडेट करना, यह एक ऐसा खुला मंच जो हर उस नये कवि, साहित्य प्रेमी का स्वागत करता है, जहाँ नये विचारों का आदान-प्रदान होता है, नये मित्रों से परिचय, हर बार आप कुछ न कुछ सीखते हैं, मैं आप सभी को बधाई देता हूँ, यह कारवां यूँ ही चलता रहे, धन्यवाद ।  
कुछ महीनो से ही ओबीओ का सदस्य बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है और समूह का जो सहयोग और अपनापन देखने को मिला है निस्सँदेह सराहनीय है। मेरी और से ओबीओ के पाँच वर्ष पूरे होने पर पूरी ओबीओ टीम को बहुत बहुत बधाई। आदरणीय योगराज जी, आदरणीय गणेश बागी जी और अन्य सभी साथियो को मेरी ओर से हार्धिक बधाई।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service