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श्रीमान एडमिन जी,
ओबीओ परिचालन के लिए आप लोगो ने कार्यकारिणी और प्रबंधन दल बनाया है, यदि आप अन्यथा ना ले तो कृप्या बताये कि कार्यकारिणी सदस्य नियुक्ति हेतु क्या कोई पैमाना भी बनाया गया है या अपने चहेते लोगो को ही कार्यकारिणी में जगह दिया गया है |

सादर
संजय कुमार सिंह 

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प्रिय संजय कुमार सिंह जी,

प्रबंधन दल और कार्यकारिणी दल का गठन एक प्रक्रिया के तहत किया गया है, प्रबंधन दल के सदस्यों का चयन उनके ओ बी ओ के प्रति समर्पण को देखते हुए संस्थापक और प्रधान संपादक के मंतव्य से किया गया है, जबकि कार्यकारिणी सदस्यों का चयन ओ बी ओ पर उनके सक्रियता, साहित्य के प्रति समर्पण, व्यक्तित्व, ओ बी ओ के प्रति निष्ठा और लगन को देखते हुए प्रबंधन दल के सहमति के उपरान्त ६ माह ( अक्तूबर से मार्च ) शरद सत्र के लिए किया गया है, ६ माह के पश्चात् पुनः ग्रीष्म सत्र (अप्रैल से सितम्बर) के लिए कार्यकारिणी सदस्यों और आम सदस्यों की सक्रियता को देखते हुए पुर्नगठन किया जायेगा, रही चहेतों वाली बात तो मैं बताना चाहता हूँ कि चाहे प्रबंधन दल हो या कार्यकारिणी दल कोई एक दूसरे के दोस्त रिश्तेदार नहीं थे, एक दूसरे से परिचय ओ बी ओ के माध्यम से ही हुआ, अधिकांश लोग एक दूसरे से मिले भी नहीं थे, चयन में पूर्ण रूपेण पारदर्शिता अपनाई गई है |
उम्मीद है कि आपके शंका का समाधान हो गया होगा |

आपका
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन

श्रीमान एडमिन जी, शंका का समाधान हुआ, 

भाई संजयजी, हम आपकी अभिन्नता से अभिभूत हैं. हर सदस्य का उसकी सलाह और उसके सुझावों के साथ स्वागत है.

संजय जी, इस ई-पत्रिका, ओबीओ,  के किसी सदस्य की जानकारी सदस्य-लिस्ट देख कर नहीं, उसके रचना-कर्म और उसकी संलग्नता से हो तो सभी के लिये तोष का विषय होगा. 

यदि आप इस पत्रिका की रचनाएँ और प्रविष्टियाँ रेगुलर रूप से पढ़ते हैं तो आपको उनमें क्या अच्छा लगा या आप किस तरह की रचनाओं में क्या देखते हैं,  इसकी भी जानकारी सभी को अवश्य मिलनी चाहिये. आपकी प्रतिक्रियाओं से लेखक/ रचनाकार का उत्साह भी बहुगुणित होगा.  आपकी प्रतिक्रियाओं से रचनाकार के लेखन कर्म में भी अपेक्षित सुधार होगा,  प्रबन्धन और कार्यकारिणी के सदस्य भी आशानुरूप लाभान्वित होंगे.  

हम समिति के लोग आपके उपरोक्त प्रश्न से अत्यंत संतुष्ट हैं कि पारदर्शिता के प्रति आपका या आप जैसों का आग्रह हमें कत्तई भटकने नहीं देगा,  परन्तु, काश, इस मंच पर आपकी उपस्थिति और सक्रियता भी हमें तदनुरूप संतुष्ट कर पाती.

धन्यवाद.

 

श्री सौरभ पाण्डेय जी , मैं इस मंच से बहुत पहले से जुड़ा हूँ, पहले सभी रचनाओं को पढ़ कर प्रतिक्रिया भी लिखा करता था, कुछ निजी कारणों से मैं समय नहीं दे पा रहा हूँ , हालाकि जब भी समय साथ देता है मैं अधिकांश रचनाओं को पढता हूँ, 

श्रीमान श्री संजय जी आपका प्रश्न समीचीन लगा इस सन्दर्भ में कि यह किसी की भी जिज्ञासा हो सकती है | आपका इस मंच पर हार्दिक स्वागत है | हम सब साहित्य प्रेमी हैं और हमें अन्य सक्रिय रसिकों कि नितांत आवश्यकता है | मंच खुला है | कार्य ही इसका पैमाना है | वरना आज तक जैसा कि आदरणीय श्री बागी जी ने कहा हममे से अधिकतर लोग एक दूसरे से मिले भी नहीं हैं | और यह भरोसा और स्नेह पूर्ण सम्बन्ध बन गया है | इस परिवार में नए नए सशक्त सक्रिय हस्ताक्षर आयें हमें ख़ुशी होगी | सुस्वागतम !

श्री अरुण जी , आप सब और एडमिन के तुरंत जबाब से मुझ जैसे को भी लगने लगा है की ओबिओ पर मैं भी या मेरे जैसे सामान्य सदस्य भी कार्यकारिणी के सदस्य जैसे पद प्राप्त कर सकते है |

YES WHY NOT ? YOU ARE MOST WELCOME SANJAY JI . ALL OUR BEST WISHES ARE WITH YOU !!

bilkul sahi jawab diya gaya hai admin ki ore se tatha usaka yathochit samarthan Saurabh ji tatha Abhinav ji ne kiya hai.

sabhi ko sadhuwad.

Avinash Bagde.

आदरणीय संजय जी,

इस मामले में मैं भी आपको संपूर्ण आश्वासन देता हूँ। ओबीओ में चहेता जैसा कुछ नहीं है, यहाँ सदस्यों को सक्रियता ही मुख्य मापदंड है। एडमिन जी की बात बिल्कुल सही है।

सादर

मैं भी प्रबंधन दल और कार्यकारिणी दल के गठन  की प्रक्रिया के प्रति अपना विश्वास रखता हूँ कि पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव किया गया है और सर्वश्रेष्ठ लोगों को पद दिया गया है


स्वागत है भाई संजय जी !   बिल्कुल निश्चित रहें आप !  अपनी योग्यता व प्रतिभा के बल पर आप भी कार्यकारिणी सदस्य बन सकते हैं |  कृपया ओ बी ओ पर इसी प्रकार सक्रिय रहें !

ओ बी ओ महोत्सव में आपकी रचनाओं व प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा है ! :-)

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