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आम आदमी के शायर को नमन

मशहूर शायर अदम गोंडवी उर्फ रामनाथ सिंह का रविवार सुबह लखनऊ में निधन हो गया। 'काजू भुनी प्लेट में व्हिकी भरी गिलास में, उतार है रामराज विधायक निवास में' पंक्तियों को लिखने वाले जनकवि व शायर अदम गोंडवी उर्फ रामनाथ सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। अदम को लीवर में गंभीर समस्या की शिकायत के बाद लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। लखनऊ के पीजीआई हॉस्‍पीटल में आखिरी सांसें लीं। उन्हें रविवार को पेट में तेज दर्द के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी सहायता के लिए तमाम लोगों ने हाथ बढ़ाया था। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने आर्थिक मदद की। इसके बाद बिजली विभाग के अभियंता एपी मिश्रा ने कर्ज में डूबे परिवार को पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद की थी। इसके साथ ही कई कवि मित्रों ने भी आर्थिक सहायता के लिए प्रयास किये थे लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.. हालाँकि एक उम्दा दर्जे के शायर को अंतिम समय में ही सही लेकिन लोगों ने और साथी मित्रों ने सहायता की ये देख कर लगता है की अभी भी साहित्य और कला के प्रति एवं कलाकारों के प्रति समाज में सोफ्ट कॉर्नर है....
 के तमाम सुधि जनों.... अगर आपके पास इस मशहूर शायर की कुछ पंक्तियाँ हों तो इस स्थान पर साझा करें और उस मशहूर शायर को हमारी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करें...
दुष्यंत

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adam sahab ki chand panktiyaan... OBO sadasyon ke paas bhi agar is jankavi ki kuch panktiyaan ho to saajha karen...

तुम्हारी फाईलों में गाँव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है

उधर जम्हूरियत का ढोल पीटे जा रहे हैं वो
इधर परदे के पीछे बरबरियत है, नवाबी है

लगी है होड़ सी देखो अमीरी और गरीबी में
ये गांधीवाद के ढांचे की बुनियादी खराबी है

तुम्हारी मेज़ चांदी की तुम्हारे जाम सोने के
यहाँ जुम्मन के घर में आज भी फूटी रकाबी है

काजू भुने प्लेट में, व्हिस्की गिलास मे
उतरा है रामराज विधायक निवास में

पक्के समाजवादी हैं, तस्कर हों या डकैत
इतना असर है ख़ादी के उजले लिबास में

आजादी का वो जश्न मनायें तो किस तरह
जो आ गए फुटपाथ पर घर की तलाश में

पैसे से आप चाहें तो सरकार गिरा दें
संसद बदल गयी है यहाँ की नख़ास में

जनता के पास एक ही चारा है बगावत
यह बात कह रहा हूँ मैं होशो-हवास में

ऐसी महान शख्सियत को अश्रुपूर्ण विदाई और शत शत प्रणाम

इस मूर्धन्य व्यक्तित्व और जन-रचनाकार को अश्रुपूरित भाव-भीनी सादर विदाई.

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