Tags:
Replies are closed for this discussion.
हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी, आपके पुनः आने का इंतज़ार रहेगा !
और भी गम हैं जमाने में , लोग क्या कहेंगी यह बिमारी सबसे बड़ी बिमारी है आ. चन्द्रेश जी अपनी कमजोरी को छुपाने से अंदर ही अंदर रोग को पालते हैं । अंत में पात्र का खुली हवा में सांस लेना उसका संकीर्ण मानसिकता की बेड़िया तोड़ने का सुंदर उद्धाहरणहैं । सादर
रचना को पसंद कर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरा मनोबल बढ़ाने हेतु बहुत आभार आदरणीय पंकज जोशी जी सर
बहुत धन्यवाद आदरणीय ओमप्रकाश जी सर, आपकी उपस्थिति से मेरी हौसला अफज़ाई हुई है|
वाह आदरणीय चंद्रेश जी किस खूबसूरती से साधारण से लगने वाले क्षण को एक सार्थक लघुकथा में परिवर्तित किया है। साधारणता में से अदि्वतय ढूंढना ही सही मायनों में लघुकथा है। शुभकामनाएं इस सद्प्रयास के लिए ।
रचना को आपका अनुमोदन मिल जाता है तो बहुत बड़ी तसल्ली हो जाती है आदरणीय बड़े भ्राता, सदैव ही आपके स्नेह का अभिलाषी हूँ|
बनावटी युग ने जस-का-तस दिखना बहुत हिम्मत का काम है | नायक की हिम्मत को सलाम .. सादर
रचना को पसंद कर अपनी टिप्पणी द्वारा मेरा मनोबल बढ़ाने हेतु बहुत आभार भाई सुधीर द्विवेदी जी
भाई चंद्रेश जी, न केवल आपकी लघुकथा ही सुन्दर है बल्कि विषय का चुनाव भी लाजवाब है I बहुत बहुत बधाई प्रस्तुत हैI
आदरणीय सर, आपका आशीर्वाद लघुकथा को मिल गया, तो रचना सार्थक हुई| नमन सर आपको|
\\"नहीं, जैसा मैं हूँ वैसा दिखने में शर्म कैसी?"\\.......बिलकुल सही बात है यह , हम जैसे है अपने सच्चे स्वरूप मे वही हमारी सच्ची पहचान है । कमजोर परिस्थितियों में सशक्त मनोबल को परिभाषित कर एक सार्थक संदेश देती हुई कथा । इंसानी मनोविज्ञान से जुडी हुई इस बेहद सुक्ष्म मानसिकता को सुंदर प्रस्तुति हुई है आपकी आदरणीय चंद्रेश जी । लघुकथा लेखन का गौरव बढाती इस रचना के लिये बधाई प्रेषित है।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |