For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 25306

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब, आपकी विस्तृत टिप्पणी पाकर मुग्ध हूँ,इस तारीफ़ ने ग़ज़ल का मान बढ़ाया,तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आपकी महब्बतों के लिए ।

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । दूसरी गजल भी लाजवाब हुयी है । हार्दिक बधाई ।

बहुत बहुत शुक्रिया भाई लक्ष्मण धामी जी आदाब ।

परमादरणीय समर कबीर साहब सादर अभिवादन आप गजल के स्वर्णिम हस्ताक्षर हैं आपकी कारयित्री और भावयित्री प्रतिभा ईश्वरीय है ,हम सौभाग्यशाली हैं जो आपको पढ़ रहे हैं आप जैसी शख्सियत को शत शत बार प्रणाम

बहुत बहुत शुक्रिया जनाब छोटेलाल सिंह जी इस महब्बत और सुख़न नवाज़ी के लिए ।

मोहतरम समर कबीर साहिब 

एक से एक नयाब अशआर से नवाज़ा आपन दिली

मुबारक बाद

बहुत बहुत शुक्रिया जनाब सुरख़ाब बशर साहिब ।

आली जनाब समर कबीर साहिब आदाब ,

बहुत ही खू़बसूरत तख़लीक़ के लिए दिली मुबारक बाद 

खुशबुऔं में बसा गया है मुझे तो जेसे दिलो दिमाग़ में घर बना गया है इस मिसरे के लिए लाखों मुबारक बाद

काश..... ये मिसरा मैने कहा होता 

जनाब मिर्ज़ा जावेद बैग साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

आदरणीय समर साहब, उम्दा अशआर हुए हैं . शेर सारे खूबसूरत है लेकिन दूसरा और तीसरा ख़ास तौर पर अच्छे लगे. हार्दिक बधाई  

जनाब अजय तिवारी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

//याद फिर कोई आ गया है मुझे
ख़ूँ के आँसू रुला गया है मुझे// वाह वाह, बहुत ही बेमिसाल मतला 

//ये भी ऐज़ाज़ कम नहीं यारो 
पास दिल के रखा गया है मुझे// क्या कहने हैं साहिब, वाक़ई ये एजाज़ की ही बात होती है अगर कोई किसी को दिल के करीब रखे 

//थी तो साथ ग़म भी था

अब तो आराम आ गया है मुझे// बहुत खूब 

//आके हुजरे में एक शब कोई 
ख़ुशबुओं में बसा गया है मुझे// माशाअल्लाह, माशाअल्लाह.. (ये ज़िक्रे शब, ये खुश्बू - वैसे हुज़ूर सब खैरियत तो है? :)))))) ) 

//वक़्त जब इम्तिहान का आया
छोड़ कर वो चला गया है मुझे// अच्छा शेअर हुआ है .

//कोई मेरे सिवा न था उसमें
खोल कर दिल दिखा गया है मुझे// बहुत खूब 

//कहते कहते वो यार जग बीती
आप बीती सुना गया है मुझे// बिलकुल ऐसा ही होता है साहिब. बातों का सिलसिला जब चलता है तो अक्सर बात जग से निज तक पहुँच  ही जाती है. 

//है ये मिसरा सभी के होटों पर
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"// वाह वाह वाह! क्या ही कमाल तरीका ढूँढा है गिरह लगाने का. गोया साँप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी .

//आफ़ियत है इसी में मेरी समर  

वो करूँ , जो कहा गया है मुझे// दुनियादारी का तकाज़ा भी यही है. आपकी दूसरी ग़ज़ल पढ़कर भी आनंद आया मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब. ढेरों ढेर दाद और मुबारकबाद कबूल फरमाएं.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service