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Sushil Sarna's Discussions (1,387)

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"आदरणीय      Tasdiq Ahmed Khan  jee  रचना के भावों को मान देने का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied May 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-79

483 May 13, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय     योगराज प्रभाकर  jee  रचना के भावों को मान देने का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied May 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-79

483 May 13, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय    Mohammed Arif jee  रचना के भावों को मान देने का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied May 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-79

483 May 13, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय     लक्ष्मण रामानुज लडीवालाजी रचना के भावों को मान देने का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied May 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-79

483 May 13, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय    Samar kabeer जी रचना के भावों को मान देने का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied May 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-79

483 May 13, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"प्यार लुटाती खुश होकर माँ, अपने मन के गाँव में |आँख मिचोली खेले बच्चा, माँ ममता की छ…"

Sushil Sarna replied May 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-79

483 May 13, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"छाँव/छाया .... (एक त्वरित रचना ) लो अलंकरण हो गया सड़कों से अब हर गाँव का और रिश्ता ट…"

Sushil Sarna replied May 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-79

483 May 13, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"रही जूझतीं पर सहारा न थामेरी कश्तियों को किनारा न था गिराया उसी ने जिसे दी पनाहखिजाँ…"

Sushil Sarna replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जाति - धर्म के पचड़े में , मतदाता क्यों लुट जाते हैं ।बस चुनाव के वक़्त फ़क़त वो , जनार्…"

Sushil Sarna replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बस!तकती रहती हूँपर निराश हो स्वयं को इस तृप्ति से वंचित पाती हूँ आदरणीया नयना जी प्र…"

Sushil Sarna replied Apr 15, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-78

453 Apr 16, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, मयखाने से बढ़िया दोहे लेकर आए हैं। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा छंद की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। इस दोहे…"
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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
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