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शुक्रिया शर्मा जी।
माहौल को देखते हुए हम भी थोड़े से शे’र पेल (प्रस्तुत कर) रहे हैं, आप झेलिए।
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा
आज हथियाया हुआ कल दूब सा हो जाएगा
दूब जैसा हो गया तो गाय खा लेगी तुझे
सोच उसके पेट में जाकर तू क्या हो जाएगा
रंग से नहला दो उसको जो नहाता हो नहीं
इस बहाने काम तो एक धर्म का हो जाएगा
जो मिले नेता पकड़कर खूब रगड़ो कीच में
नालियाँ गंदी बहुत उसको पता हो जाएगा
मनचला कोई मिले तो बैटरी की कालिखें
मुँह पे मल देना पलों में गाय सा हो जाएगा
दूब जैसा हो गया तो गाय खा लेगी तुझे
सोच उसके पेट में जाकर तू क्या हो जाएगा
क्या इशारा है |वाह |
रंग से नहला दो उसको जो नहाता हो नहीं
इस बहाने काम तो एक धर्म का हो जाएगा
वाह वाह धरम जी, पीने के बाद भी धर्म की बातें , वॉय होय क्या बात है |
जो मिले नेता पकड़कर खूब रगड़ो कीच में
नालियाँ गंदी बहुत उसको पता हो जाएगा
सही कहा है भाई , इसी बहाने नाली भी साफ़ हो जायेगी,
खुबसूरत प्रस्तुति , बधाई स्वीकार कीजिये |
मनचला कोई मिले तो बैटरी की कालिखें
मुँह पे मल देना पलों में गाय सा हो जाएगा
वाह धर्मेन्द्र भाई वाह...क्या गजब का पेला आपने....बहुत ही मस्त....बोले तो एकदम धान्शु लिखा है आपने.....होली है......बोलो सा रा रा रा रा रा रा
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