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आदरणीय साथियो

हाल ही में संपन्न "चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता" अंक १९ के निर्णय का समय आ चुका है. इस बार किसी भी प्रविष्टि को प्रथम पुरस्कार नहीं दिया जा रहा. निर्णय इस प्रकार है:

द्वितीय पुरस्कार - रविकर फ़ैज़ाबादी की कुण्डलिया
द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company


चश्में चौदह चक्षु चढ़, चटचेतक चमकार ।
रेगिस्तानी रेणुका, मरीचिका व्यवहार ।
मरीचिका व्यवहार, मरुत चढ़ चौदह तल्ले ।
मृग छल-छल जल देख, पड़े पर छल ही पल्ले ।
मरुद्वेग खा जाय, स्वत: हों अन्तिम रस्में ।
फँस जाए इन्सान, ढूँढ़ नहिं पाए चश्में ।।
*

तृतीय पुरस्कार - संदीप पटेल ’दीप’ के सोरठे
तृतीय पुरस्कार रुपये २५१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala
A leading publishing House

सात सोरठे
मोह बिछाए जाल, मन मृग उलझे धीर तज
तृष्णा बनती काल, बढ़ बढ़ जाती पीर अज

मरुथल उड़ती धूल, पग पग में कांटे चुभे
नागफनी का फूल , थके पथिक के मन लुभे

असमंजस की बात, मरुथल में पानी बहे
माया खल की जात, आँखों को ठगती रहे

चाँद उतरता थाल, बालक को मोहित करे
ठगता माया जाल, स्वर्ण बने हिरना फिरे

वस्त्रों की ले खाल, निर्धन भी दिखता धनी
लालच बनता काल, जड़ से ज्ञानी की ठनी

प्यासे को है आस, हराभरा मरुथल बने
बुझे पथिक की प्यास, पानी से माटी सने

सत्ता का है लोभ, हाथ जोड़ दर पर खड़े
करे एक पल क्षोभ, दूजे पल अकड़े लड़े
*********************************************

विजेताओं को सम्पूर्ण ओबीओ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई व साधुवाद. इन विजेताओं की रचनाएँ आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-२० के लिए प्रतियोगिता से स्वतः ही बाहर होंगी | सादर


योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)




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प्रतियोगिता के दोनों विजेताओं को हार्दिक बधाई।

अंक  - 19 के विजेताओं श्री रविकर फ़ैज़ाबादी तथा श्री संदीप पटेल ’दीप’ को हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएँ.. .

’चित्र से काव्य तक’ एक छंद आधारित आयोजन-सह-प्रतियोगिता है. रचनाकारों को साहित्यिक गंभीरता और छंद प्रयास पर संयत होना ही चाहिये. प्रतियोगिता हेतु उपलब्ध रचनाओं में से प्रथम पुरस्कार योग्य किसी रचना का न पाया जाना, रचनाकारों और समस्त साहित्य प्रेमी सदस्यों के लिये चुनौती है. स्तरीय या मंजे हुए रचनाकारों की रचनाओं के समकक्ष नव-हस्ताक्षरों की रचनाओं को केवल एक बात रख सकती, और वह है, दीर्घकालिक सतत प्रयास. 

साथ ही साथ शास्त्रीय छंद विधा से इतर लिखने वालों के लिये खुला मैदान पड़ा है. आवश्यकता है तो मनोयोग की, धैर्य की.  इस साहित्यिक मैदान में शब्द-विन्यास और भाव-संप्रेषण पगे होने आवश्यक हैं. रचनाधर्मिता से सम्बन्धित सभी आयामों को संतुष्ट करना प्रत्येक रचनाकार का दायित्व है. 

पुनः विजेताद्वय को बधाई तथा उन्हें उत्तरोत्तर सम्यक लिखने के प्रति हार्दिक शुभकामनाएँ.

सादर

आदरणीय OBO कार्यकारिणी का बहुत बहुत आभार |
प्रिय मित्र संदीप पटेल "दीप" को शुभकामनायें ||

श्री रविकर फैजाबादी को कुंडलियों के लिए द्वितीय पुरस्कार और श्री संदीप पटेल 'दीप' को सोरठे
के लिए तृतीय पुरस्कार घोषित हुआ है | दोनों को हार्दिक बधाई और शुभ कामनाए |

विजेताओं श्री रविकर फ़ैज़ाबादी तथा श्री संदीप पटेल ’दीप’ को हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएँ.. .

प्रतियोगिता के दोनों विजेताओं रविकर भाई और प्रिय संदीप  पटेल को हार्दिक बधाई |

चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता के द्वीतीय पुरूस्कार विजेता आदरणीय रविकर जी को उनकी सधी हुयी कुण्डलिया के लिए और तृतीय पुरूस्कार विजेता आदरणीय संदीप पटेल जी को उनके चित्रानुरूप सोरठों के लिए बहुत बहुत बधाई.

किसी भी प्रतिभागी को प्रथम पुरूस्कार न मिल पाने पर जहाँ  एक ओर निराशा हुई , वहीं यह यकीन भी है, कि मंच पर प्रविष्टियों की गुणवत्ता बढाने के लिए और सभी रचनाकारों को अच्छे से अच्छा लिखने को उत्प्रेरित करने के लिए यह निर्णय एक प्रेरणा का काम करेगा.

हार्दिक शुभेच्छाएँ .

आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया और सादर आभार इस अनुपम स्नेह और आशीर्वाद के लिए

इसे यूँ ही अनुज पर बनाये रखिये

आदरणीय रविकर जी एवं संदीप जी को हार्दिक बधाई.

दोनों विजेताओं को कोटिशः बधाई,,,,,!

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