For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ उन्चालीसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है - सरसी छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

19 नवम्बर 2022 दिन शनिवार से 

20 नवम्बर 2022 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

चित्र अंर्तजाल के माध्यम से 

सरसी छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 19 नवम्बर 2022 दिन शनिवार से 20 नवम्बर 2022 दिन रविवार तक, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 1643

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ. भाई दिनेश जी, सादर अभिवादन। छन्दों पर उपस्थिति व स्नेह के लिए हार्दिक धन्यवाद।

आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र पर सुन्दर सरसी छन्द रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. किन्तु 'लेकिन हो गए प्रदूषण से' 'हवा विष घुली चहुँदिश फैली' या 'हर वातावरण अब प्रदूषित' ........इन चरणों में गेयता बहुत निर्मल नहीं है.सादर

आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और कमियों को इंगित करने के लिए आभार। कुछ सुधार का प्रयास किया है। देखकर मर्गदर्शन कीजिए।
"किन्तु प्रदूषण से होते नित, बदतर ये हालात"
"घुला हवा में विष ही विष है"
"वातावरण तो प्रदूषित है"

जी ! उत्तम परिमार्जन है आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. 'वातावरण तो प्रदूषित है' को  'वातावरण प्रदूषित है अब' जैसा कर लेना अधिक बेहतर होगा. सादर

आ. भाई अशोक जी, पुनः उपस्थिति और मार्गदर्शन के लिए आभार।

चेतो अब तो मानव हो तुम, बदलो अपनी राह।
पल में नष्ट  धरा  यह  होगी, सदी न होगा माह।।// सही कहा आपने। इस सुन्दर छंद रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी
 *

आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।

आदरणीय लक्ष्मण भाईजी

सुंदर सरसी छंद की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।  

हवा विष घुली चहुँदिश फैली ,,,,,,,,, हर वातावरण अब प्रदूषित, ...... इन दोनों में लय बाधित है 

आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और कमियों को इंगित करने के लिए आभार। कुछ सुधार का प्रयास किया है। देखकर मर्गदर्शन कीजिए।

"घुला हवा में विष ही विष है"
"वातावरण प्रदूषित है अब"

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  आपकी प्रस्तुति का हार्दिक धन्यवाद.

आपने सरसी छंद को एक और आयाम दे दिया, अर्थात, छंद की चारों पक्तियों को एक ही तरह का तुकांत किया है आपने. वाह-वाह. 

किन्तु, कई पंक्तियों ंमें गेयता परिमार्जित होनी बाकी है. जैसे,  

लेकिन हो गये प्रदूषण से \

हवा विष घुली चहुँदिश फैली, 

हर वातावरण अब प्रदूषित, 

विश्वास है आप अपने लिए सार्थक विकल्प ढूँढ लीजिएगा. 

हार्दिक धन्यवाद. 

शुभ-शुभ

गीत ( सरसी छंद)

___________
इस धुंध में डूबे शहर की, कब बीतेगी  रात
__
है भाग इसका भागना बस
कौन सुनेगा दर्द
गला काट दौड़ें जारी हैं
मन के मौसम सर्द
सब अपने अपने में डूबे, कौन सुने अब बात
___
सड़क रौंदते वाहन हर पल
और मचाते  शोर
धीरे धीरे टूटी जाती
प्राण वायु की डोर
 कुहरे में घुल गया प्रदूषण, बने कठिन हालात 
___
लिये आसरा जहाँ जमे हैं
काट रहे वह डाल
मानव की भूलों से ही सब
बिगड़ रहे हैं हाल
धुँआ प्रदूषण ही लाते हैं, रोगों की सौगात
_______
मौलिक व अप्रकाशित 

आ.प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को निरूपित करता सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas is now a member of Open Books Online
6 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
yesterday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service