For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : एक तन्हा ग़ज़ल रहा हूँ मैं

एक तन्हा ग़ज़ल रहा हूँ मैं
उसकी यादों में चल रहा हूँ मैं (1)

तेरी यादों में ज़िन्दगी जी कर,
ज़िन्दगी को मसल रहा हूँ मैं (2)

कैसी हो ज़िन्दगी बताओ तुम?
तेरे ग़म में उबल रहा हूँ मैं (3) 

प्यार में इक महीन सा काग़ज़,
भीग आँसू से गल रहा हूँ मैं (4) 

तुम मुझे देख मुस्कुराते हो,
सारी दुनिया को खल रहा हूँ मैं (5) 

वो मेरी राह में खड़ी होगी ,
इसलिए तेज चल रहा हूँ मैं (6)  

दोपहर का उमस भरा मौसम,
धीरे धीरे बदल रहा हूँ मैं (7)  

दूरियों का असर बताता हूँ ,
वो सुलगते हैं,जल रहा हूँ मैं (8)  

हर जगह तुम दिखाई देते हो,
इस खुशी में उछल रहा हूँ मैं (9)  

चाँद,सूरज,हवा तेरे चेहरे,
तेरे चेहरों में पल रहा हूँ मैं (10)  

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 409

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सूबे सिंह सुजान on May 6, 2020 at 5:19am

सुरेन्द्र नाथ सिंह जी , रचना को पढ़कर बधाई दी है । 

आपकी सक्रियता को नमन है ।

Comment by नाथ सोनांचली on May 5, 2020 at 7:46am

आद0 सूबे सिंह सुजान जी सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिये।

Comment by सूबे सिंह सुजान on May 4, 2020 at 4:56pm

समर कबीर साहब बहुत बहुत शुक्रिया जनाब ।

आपने ठीक ध्यान दिलाया है ।यह एडिट हो जाएगा 

Comment by Samar kabeer on May 4, 2020 at 3:08pm

जनाब सूबे सिंह सुजान जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।

'कैसी हो ज़िन्दगी बताओ तुम?
तेरे ग़म में उबल रहा हूँ मैं'

इस शैर में शुतरगुरबा दोष है,ऊला यूँ कर लें तो दोष निकल जाएगा:-

'कैसी है ज़िन्दगी बता मुझको'

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
41 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
45 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
52 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
53 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
54 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
55 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
57 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
59 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service