For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Chetan Prakash
  • Male
  • U.P
  • India
Share on Facebook MySpace

Chetan Prakash's Friends

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी
  • DR ARUN KUMAR SHASTRI
  • sunanda jha
  • Samar kabeer
  • Manan Kumar singh
  • आशीष यादव
 

Chetan Prakash's Page

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. भाई लक्ष्मण सिंह धामी जी, नमस्कार, ग़ज़ल आपने संस्तुत की, आभारी हूँ। सादर !"
50 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. संजय शुक्ला तल्ख़ साहब, आदाब, मेरी ग़ज़ल प्रस्तुति आपकी संस्तुति प्राप्त कर सकी, आपका आभारी हूँ, श्री जी"
54 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदाब, भाई नादिर ख़ान, आपका शुक्रगुज़ार हूँ कि आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक पहुँचे और सराहना की और, हाँ ज़रूरी बदलाव ग़ज़ल में, पहले ही कर चुका हूँ, धन्यवाद !"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. मिथिलेश वामनकर साहब, नमन ! आपने अपना बहूमूल्य समय, मेरी ग़ज़ल प्रस्तुति को देकर मुझे कृतार्थ किया, इस हेतु आपका कोटिशः धन्यवाद, श्री जी आपको ग़ज़ल सराहनीय प्रतीत हुई, मुझे आवश्यक प्रोत्साहन मिला । आवश्यक संशोधन मैंने, आ. अमित जी को प्रेषित…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"नमस्कार, दया राम मेठानी जी, ग़ज़ल आपकी संस्तुति पा सकी, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।सादर !"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जी, धन्यवाद !"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जी, आ. रिचा यादव नमन ! आपको ग़ज़ल अच्छी लगी, मेरा प्रयास सफल हुआ।साधुवाद, सु श्री । सादर"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. समर कबीर साहब, आदाब, आपकी दृष्टि मेरी ग़ज़ल पर पड़ी और आपने इसका संज्ञान लिया मैं धन्य हुआ !"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदाब, आदरणीय, भाई  Euphonic अमित जी, आपका अतिशय धन्यवाद कि आपने मेरी ग़ज़ल प्रस्तुति को अपना बहुमूल्य समय दिया और आवश्यक संशोधन सुझाए ! आपके निर्देशानुसार कुछ परिवर्तन उल्लिखित अशआर में किया है, कृपया देखिएगा : उजाड़ क्यों रहे हो तुम हरी भरी…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"1212 1122 1212 22 तुम्हारे हाथ में रक्खा है क्या डराने को मिटा दी तुमने वो हस्ती हमें मिटाने को तराने रोज़ नये गाते ठग रिझाने को बदलते रंग वो गिरगिट हमें लुभाने को वो लुत्फ़ अब नहीं आता उन्हें फसाने में लगाते आग हैं आशिक वफ़ा मिटाने को बचा खुचा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 157 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब, नमन ! अद्भुत प्रवाहमय दोहा-छंदावली रची आपने और पाँचवे दोहे के बाद जो प्रयोग हुआ है, वह अतिशय सुन्दर है, हार्दिक बधाई स्वीकार कर कृतार्थ करें, सादर !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 157 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, आदरणीय  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 157 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहब,  पुनश्च आपने प्रस्तुति पर दृष्टिपात कर संशोधन कर उपकृत किया, बहुत आभारी हूँ ! सादर  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 157 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय श्री, मैंने आपका विस्तृत प्रत्युत्तर बड़े ध्यान से पढ़ा ! आपने मेरे कदाचित दुखी होने का जो अनुमान लगाया, आपकी आशंका मात्र था।  मेरा निवेदन समीक्षा की अस्पष्टता को लेकर था। मुझे प्रसन्नता है कि  आपने  आशय को अन्ततोगत्वा समझा और…"
Jul 21
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 157 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अशोक रक्तालेकर साहब,  नमन,  आपके द्वारा रचित  सभी दोहे चित्रानुसार ही नही, चित्ताकर्षक भी हैं, किन्तु जैसा कि श्री हरिओम श्रीवास्तव जी  ने बताया, पाँचवे दोहे के तृतीय चरण में मात्रा-दोष हो गया है, देखिएगा, सादर  !"
Jul 21
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 157 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. हरिओम श्रीवास्तव जी, नमस्कार ! चित्रानुसार सुंदर दोहा छंद प्रणयन किया, आपने !  किन्तु  दोहा-छंदावली में कथ्य का अनावश्यक दोहराव शास्त्रानुकूल नहीं माना गया है । आपकी प्रस्तुति में एकाध चतुर्थ चरण जैसे, " मांग रहे चरण हैं वोट…"
Jul 21

Profile Information

Gender
Male
City State
Baraut
Native Place
Hapur
Profession
Teaching
About me
I'm a poet rather born than made or trained since my childhood

Chetan Prakash's Photos

  • Add Photos
  • View All

Chetan Prakash's Blog

ग़ज़ल

2122 1122 1122 22 / 112

अंधा आँखों का है हर शख़्स बता देगा तुम्हें

ख़ार खाया है ये जन्मों का दग़ा देगा तुम्हें

गुरु वो घंटाल ज़माने कभी सय्याद रहा

काट कर पर वो रखेगा जो सज़ा देगा तुम्हें

झाँसे में उसके न आया करो जानाँ कभी तुम

रहती दुनिया का दरिन्दा वो क़जा देगा तुम्हें

है नशा उसको सदारत का कई बज़्म सुना

ना तुम्हारा न वो मेरा ही जता देगा तुम्हें

है वो ख़ुदगर्ज़ निहायत कहीं हद से ज़ियादा

ख़ुद…

Continue

Posted on December 20, 2023 at 6:00pm — 2 Comments

एक ताज़ा ग़ज़ल

2122 1122 1122 22

ख़्वाब से जाग उठे शाह सदा दी जाए

पकड़े जायें अभी क़ातिल वो सज़ा दी जाए

बख़्श दी जाए कहीं जान ख़वातीनों की

अब तो ज़ालिम को कड़ी कोई सज़ा दी जाए

घूमते हैं वो दरिन्दे भी नकाबों में अब तो

जितना जल्दी हो उन्हें मौत बजा दी जाए

लोग अच्छे ही परेशान हैं वहशी दरिन्दों

इन्तिहाँ हो गयी अब लौ वो बुझा दी जाए

ज़ात इन्साँ की पशेमाँ है ज़रायम से 'चेतन'

तूफाँ कोई तो उठा कर…

Continue

Posted on November 27, 2023 at 12:57pm — 2 Comments

एक ताज़ा गज़ल

2121 2122 2121 212

खो गया सुकून दिल का कार हो गया जहाँ

गुम गया सनम भँवर में ख़ार हो गया जहाँ

कामयाबी तौलती दुनिया भरोसे जऱ ज़मी

फार्म जिनके हैं नहीं गुड़मार हो गया जहाँ

ज़िन्दगी जिसे कहा हमने कहीं छुपा गया

है निशान अपने ज़ालिम पार हो गया जहाँ

कार-ए-दुनिया और कुछ हैं और कुछ दिखें ख़ुदा

मारकाट हाल कारोबार हो गया जहाँ

तोड़ हद रहे सभी अब तो अदब जहान में

लाज लुट रही घरों मुरदार हो गया…

Continue

Posted on November 8, 2023 at 8:30pm

एक और ग़जल ः

2121 2122 2122 212



ढूढ़ ले हबीब कोई ज़िन्दगी तो हो सके

साथ हो नसीब कोई ज़िन्दगी तो हो सके



छोड़ देता रोना-धोना मस्त जीता ज़िन्दगी

दोस्त हो करीब कोई ज़िन्दगी तो हो सके



मरता जीता मुश्किलों तू आदमी है बदगुमाँ

साध ले सलीब कोई ज़िन्दगी तो हो सके



ज़ीस्त बोझ बन गई हर शख़्स वो है झींकता

जाम हो अजीब कोई जिन्दगी तो हो सके



खो चुका ख़ुलूस आदम हो गया बे होश है

दोस्त हो ग़रीब कोई ज़िन्दगी तो हो सके



उम्र सारी वो गँवा दी… Continue

Posted on September 24, 2023 at 9:46am — 1 Comment

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 6:35am on July 22, 2021, रणवीर सिंह 'अनुपम' said…
आदरणीय, चेतन जी, "दोहे : कैसे- कैसे  लोग" शीर्षक के तहत लिखे गए दोहे बहुत सुंदर हैं और बहुत अच्छे लगे।

निम्न चरण विधान में न होने से इनमें लय भंग है। जिसे दूर करने की जरूरत है।

जन्म-भूमि स्वर्ग सम हो
(कारण-नवीं मात्रा पर शब्द पूरा हो रहा है जो नहीं होना चाहिए)

कृतघ्न पक्के लोग
(कारण-आरंभ में जगण "कृतघ्न"आ रहा है, जो नहीं होना चाहिए)

कर रहे बस भोग
(कारण-एक मात्राभार कम है, साथ ही पाँचवीं मात्रा पर शब्द पूरा हो रहा है जो नहीं होना चाहिए)

न हों कभी बदनाम
(कारण-पहली मात्रा पर शब्द पूरा हो रहा है जो नहीं होना चाहिए)

विद्या  हमें  सिखाती है,
(कारण-13 मात्राओं की जगह 14 मात्राएँ हैं, जो नहीं होनी चाहिए)

कर अन्याय प्रतिकार
(कारण-11 की जगह 12 मात्राएँ हैं जो नहीं होनी चाहिए)
At 11:46pm on November 22, 2020, DR ARUN KUMAR SHASTRI said…

भाई चेतन जी
नमन -
इस्लाह का
सलीका आ जायेगा
मैंने आज तलक
मुकम्मल तो कोई देखा नहीं
गलतियां निकालोगे-
तो सीखूंगा ही ।।
मैं तो अधूरा था
अधूरा रहा
और हूँ अब तलक
आज आया हूँ आपकी बज्म में
कुछ सिखा दोगे -
तो सीखूंगा भी ।।

At 11:59am on June 27, 2020, Samar kabeer said…

जनाब चेतन प्रकाश जी,ये टिप्पणी आप मुशाइर: में दें,तो मुझे जवाब देने में आसानी होगी ।

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह वाह वाह  आदरणीय समर कबीर जी, मिसरे को क्या खूब निखारा है। आभार आपका।"
7 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव"
9 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"अलिफ़ वस्ल साझा करने के लिए हार्दिक आभार। अलिफ़ वस्ल से मुझे ग़ालिब साहब का ये शेर ख़ूब याद आता…"
10 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय तिलक राज कपूर सर, तरही मिसरे पर बहुत शानदार ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल…"
14 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
24 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार "
26 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"इस अभ्यास में आदरणीय अमित जी के सुझाव सम्मिलित अवश्य कीजियेगा। सादर"
27 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव आदरणीय अमित जी। सभी लाभान्वित हुए। आभार। सादर"
28 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया अभ्यास।"
29 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय zaif जी हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर"
30 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका सादर"
31 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service