For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

युग है , उसी को समर्पित -क्षणिकाएँ- डॉo विजय शंकर

1 .
भगवान है ,
कैसे भी पूजो
चलता है ,
ये तो शैतान है
जिसको
पूजने के तरीके
निराले है।

2 .
झूठ है ,
सब जानते हैं
झूठ का सच
सब जानते हैं
फिर भी किस कदर
अनजान बनते हैं ..............

3 .
आदमी आज का
कल पुर्जों सा ,
जीवन उसका , यांत्रिक ,
संवेदनशीलता से मुक्त ,
मशीनें बेहद सेंसिटिव,
सम्भाल के , कलयुग है …………

4 .
वफ़ा के प्रतीक कुत्ते
गली गली मिल जाते हैं
लावारिस।
कभी कहीं कोई
गधा भी देखा है ,
लावारिस ?

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 593

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 24, 2016 at 10:44pm
वाह्ह्ह्ह्!बहुत सुंदर तार्किक क्षणिकाएँ।हार्दिक बधाई सर।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 24, 2016 at 8:45pm

तर्क की कसौटी पर भी ये क्षणिकायें विमर्श को न्यौतती हुई सी हैं आदरणीय विजय शंकर जी. हर एक के अलग-अलग अंदाज़ हैं.

हार्दिक शुभकामनाएँ

 

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 20, 2016 at 6:07am
ह्रदय से आभार , आदरणीय डॉo गोपाल नारायण जी , सादर नमन।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 19, 2016 at 8:40pm

वाह वाह विजय सर ! क्या कमाल का  आब्जर्वेशन है . नतमस्तक .

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 18, 2016 at 8:59pm
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्रा जी , थोड़ी व्यस्तता अवश्य है पर लिखना जारी है ,कुछ कम आ शाय हुआ है। आपको क्षणिकाएँ पसंद आईं , आभार एवं धन्यवाद , सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 18, 2016 at 4:48pm

आदरणीय विजय सर एक मुद्दत बाद आपकी रचना पढने का सौभाग्य मिला ..सभी छनिकाएं बेहद पसदं आई हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर  

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 18, 2016 at 7:51am
आदरणीय सुशील सरना जी आपको क्षणिकाएँ पसंद आईं एवं आपकी हार्दिक बधाई के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 18, 2016 at 7:48am
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , आपको क्षणिकाएँ पसंद आईं और उन्हें स्वीकृति प्रदान करने एवं आपकी हार्दिक बधाई के लिए ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 18, 2016 at 7:43am
प्रिय मिथिलेश वामनकर जी , रचना को स्वीकृति प्रदान करने एवं आपकी हार्दिक बधाई के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 18, 2016 at 7:41am
प्रिय कृष्ण मिश्रा जी , रचना को स्वीकृति प्रदान करने के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
11 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
11 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
11 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
11 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service