For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिट गए नक़्श सभी....संतोष

फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन/फ़इलुन

मिट गये नक़्श सभी दिल के दिखाऊँ कैसे

एक भुला हुआ क़िस्सा मैं सुनाऊँ कैसे

जा चुका है जो सभी तोड़के रिश्ते मुझसे

सोचता हूँ उसे आवाज़ लगाऊँ कैसे

अहमियत दिल की यहाँ लोग  समझते ही नहीं

उनको इस बात का अहसास दिलाऊँ कैसे

तिश्नगी उसकी बुलाती है इशारों से मुझे

मैं समन्दर की भला प्यास बुझाऊँ कैसे

प्यार का कोई तलबगार नहीं दुनिया में

इस ख़ज़ाने को मैं 'संतोष' लुटाऊँ कैसे

#संतोष_खिरवड़कर

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 747

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by santosh khirwadkar on November 19, 2018 at 8:36pm

आ. लक्ष्मण जी ,आभार!!!

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 19, 2018 at 1:16pm

आदरणीय संतोष जी, अच्छी गज़ल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by santosh khirwadkar on November 19, 2018 at 8:32am

आ. राज साहिब पुनः त्रुटि...”भूला” 

Comment by santosh khirwadkar on November 19, 2018 at 8:30am

शुक्रिया आ. विजय जी 

Comment by santosh khirwadkar on November 19, 2018 at 8:29am

शुक्रिया आ. अजय जी

Comment by santosh khirwadkar on November 19, 2018 at 8:28am

शुक्रिया आ राज साहब ...सहमत ..”भूली” होना चाहिए.. टंकण त्रुटि के के लिये सम्पूर्ण मंच से क्षमा!!!

Comment by santosh khirwadkar on November 19, 2018 at 8:27am

शुक्रिया आ. क़मर जौनपुरी साहब

Comment by santosh khirwadkar on November 19, 2018 at 8:26am

शुक्रिया आ. श्री समर साहब 

Comment by vijay nikore on November 19, 2018 at 3:43am

गज़ल अच्छी लगी। हार्दिक बधाई, आदरणीय संतोष जी

Comment by राज़ नवादवी on November 18, 2018 at 10:41am

मेरे ख्याल से- 

मिट गये नक़्श सभी दिल के दिखाऊँ कैसे

एक भुला हुआ क़िस्सा मैं सुनाऊँ कैसे

में भुला को भूला करना उचित होगा, बह्र भी तभी मुकम्मल होगी. सादर. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश जी इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार "
13 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी कह मुकरियों पर किए गए इस प्रयास पर आपकी उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए  हार्दिक…"
15 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी कह मुकरियों पर किए गये इस प्रयास पर आपकी उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
17 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी वाह ! क्या कहना । हार्दिक  बधाई स्वीकार कीजिए।"
17 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी,  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका,।"
23 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका, सुझाव और प्रशंसा के लिए ।"
25 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह  और तीन मुकरियां। आदरणीय अशोक रक्ताले सर आपने तो मुकरियों की झड़ी लगा दी।  बात…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह प्रदत्त चित्र को क्या खूब शब्द मिले हैं। द्वितीय प्रस्तुति हेतु बधाई। सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मुझे दूर से पास बुलाता छूना चाहूँ फुर हो जाता कभी पराया कभी है अपना क्या सखि साजन?ना सखि…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना सर, प्रदत्त चित्र को सार्थक करती बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई हैं। इस प्रस्तुति हेतु…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव सर, प्रदत्त चित्र को सार्थक करती बहुत बढ़िया कह मुकरियां हुईं है। इस…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र अनुसार कह मुकरी का बहुत बढ़िया हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु…"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service