For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (दोस्तों वक़्त के रहबर का तमाशा देखो)

(फाइला तुन _फ इलातुन _फ इ ला तुन _फेलुन)

दोस्तों वक़्त के रहबर का तमाशा देखो |
कोई तकलीफ में, खुश कोई है फिरक़ा देखो |

कोई पत्थर की तरह आपकी ठोकर में है
मेरे महबूब ज़रा गौर से कूचा देखो |

आपको करना है दीदार गरीबी का अगर
जाके फुट पाथ का रातों में नज़ारा देखो |

हर किसी शख्स के हाथों में नहीं यूँ पत्थर
फ़िर कोई आ गया कूचे में दिवाना देखो |

गिडगिडाने से कभी हक़ नहीं मिल पाएगा
कर के तब्दील ज़रा दोस्तों लहजा देखो |

दर्द है दिल में, जिगर में है तड़प, आँखें नम
ले के आ या हूँ सनम तुहफे मैं क्या क्या देखो |

इस क़दर उनके ख़यालों ने मुझे महकाया
सूँघता है मुझे हर कोई गुलों सा देखो |

बाद में उंगली मेरी सम्त उठा लेना तुम
पहले आईने में अपना ज़रा चहरा देखो |

काम आते हैं कहाँ वक्ते मुसीबत अपने
अब किसी ग़ैर का तस्दीक सहारा देखो |

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 634

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 23, 2018 at 9:59am

जनाब रामअवध साहिब, ग़ज़ल मेंआपकी शिर्कत  और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on May 22, 2018 at 9:16pm

बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है। सभी शेर बोलते हुये हैं। आदर्णीय बधाई

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 22, 2018 at 8:49pm

मुहतरमा राजेश कुमारी साहिबा , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 22, 2018 at 6:57pm

मोहतरम जनाब तस्दीक जी ,बहुत शानदार ग़ज़ल कही है शेर दर शेर मुबारकबाद क़ुबूल फरमावें 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 20, 2018 at 12:25pm

जनाब शहज़ाद उस्मानी साहिब आ दाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on May 20, 2018 at 7:25am

दुनिया की ज़मीनी हक़ीक़त से रूबरू कराती बेहतरीन ग़ज़ल के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 19, 2018 at 6:20pm

जनाब श्याम नारायण साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Shyam Narain Verma on May 19, 2018 at 11:09am
इस शानदार ग़ज़ल के लिए दिल से बधाईयाँ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service