For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -नये साल में कुछ नया कर दिखायें

बह्र-फऊलुन फऊलुन फऊलुन फऊलुन

अँधेरे से निकलें उजाले में आयें।
नये साल में कुछ नया कर दिखायें।

गमों का लबादा जो ओढ़े हुये हैं,
उसे फेंक कर हम हँसें मुस्करायें।

जो चारो दिशाओं में खुशबू बिखेरे,
बगीचे में ऐसे ही पौधे लगायें।

न झगडें कभी धर्म के नाम पर हम,
किसी का कभी भी लहू ना बहायें।

न नंगा न भूखा न बेघर हो कोई,
चलो हम सभी ऐसी दुनिया बसायें।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 786

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 5:49pm

आदर्णीय लक्ष्मण धामी जी ग़ज़ल पर टिप्पणी करने एवं हौसला बढा़ने के लिये सादर आभार।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 5:45pm

आदर्णीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी सादर धन्यवाद

आदरणीय बृजेश कुमार जी आपको ग़ज़ल पसन्द आई इसके लिये हार्दिक धन्यवाद

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 12:55pm

आ. भाई राम अवध जी, सुंदर प्रेरणाप्रद गजल के लिए हार्दिक बधाई ।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 7:56am

आदर्णीय अजय तिवारी साहब आपकी सारगर्भित टिप्पणी सचमुच मुझे उर्जावान बनाती है। आपका बहुत बहुत आभार।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 7:53am

आदर्णीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी ग़ज़ल पसन्दगी के लिये शुक्रिया। नया साल आपके एवं आपके परिवार को मंगलमय हो।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 7:51am

आदर्णीय तस्दीक़ अहमद खान साहब आपकेअमूल्य सुझाव एवं इस्लाह के लिये सादर आभार।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 7:47am

आदर्णीय समर कबीर साहब आपकेअमूल्य सुझाव के लिये बहुत शुक्रिया। 

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 7:45am

आदर्णीय अफरोज साहब आपका बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 7:43am

आदर्णीय मोहित मिश्रा जी ग़ज़ल सराहना के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 3, 2018 at 10:56pm

सुन्दर भावों का समावेश किया है आदरणीय ग़ज़ल में..सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
26 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
29 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
36 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
37 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
38 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
39 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
41 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
43 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
52 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service