For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं हुआ बूढ़ा मगर अनुभव हुआ कुछ भी नहीं (तरही ग़ज़ल)

अरकान- फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन

हर तरफ शिक़वा गिला है औऱ क्या कुछ भी नहीं
रात दिन की दौड़ में आख़िर मिला कुछ भी नहीं ||

इक नियम बदलाव का यारों सनातन सत्य है,
कल मिला है आज से पर राब्ता कुछ भी नहीं

ज़ीस्त का सच देख गोया बन्द मुट्ठी खुल गयी,
साथ अपने अंत में वह ले गया कुछ भी नहीं

बचपना लिपटा रहा ता---उम्र मुझसे इस क़दर,
मैं हुआ बूढ़ा मगर अनुभव हुआ कुछ भी नहीं

दूर होगी मुफ़लिसी यह सोचना तू छोड़ दे,
ये सियासी ख़्वाब है इसमें नया कुछ भी नहीं

कम से कम उसने छुआ तो होगा ही, यह सोच कर
मैं पढ़ा उसख़तको जिसपे था लिखा कुछ भी नहीं

सोच अपनी तर्क अपने और जैसी हो नज़र,
जान लो वरना यहाँ अच्छा बुरा कुछ भी नहीं

महफिलों में अब सुख़नवर यार मिलते हैं कहाँ?
पास उनके कुछ लतीफों के सिवा कुछ भी नहीं

कर्म करता जा हमेशा फल की चिंता छोडक़र,
ध्यान रखता है ख़ुदा वो छोड़ता कुछ भी नहीं

एक नाबीना मुसाफ़िर हूँ मैं राह-ए-जीस्त में,
"देखता सब कुछ हूँ लेकिन सूझता कुछ भी नहीं"

कहते थे सब पास उसके है करिश्माई छड़ी,
नाथ पर वो शोर-ए-दहशत से वरा कुछ भी नहीं

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 949

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on October 7, 2017 at 4:42am
आद0 बहन राजेश कुमारी जी सादर अभिवादन, आपके प्रशंशा से ग़ज़ल लिखना सार्थक हुआ। आभार आपका
Comment by नाथ सोनांचली on October 7, 2017 at 4:41am
आद0 बहन राजेश कुमारी जी सादर अभिवादन, आपके प्रशंशा से ग़ज़ल लिखना सार्थक हुआ। आभार आपका
Comment by नाथ सोनांचली on October 7, 2017 at 2:45am
आद0 सलीम रज़ा साहब आदाब, ग़ज़ल पर शिरकत और सुखनवाजी का शुक्रिया।
Comment by नाथ सोनांचली on October 7, 2017 at 2:44am
आद0 नीलेश जी गजल पर उत्साहवर्धन के लिए आभार
Comment by नाथ सोनांचली on October 7, 2017 at 2:43am
आद0 नीलेश जी गजल पर उत्साहवर्धन के लिए आभार

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 5, 2017 at 11:21am

सुरेन्द्र कुशक्षत्रप भैया बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें| 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 4, 2017 at 7:48pm

बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है आ. सुरेन्द्र जी 
बधाई 

Comment by SALIM RAZA REWA on October 3, 2017 at 8:17am
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी,
ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई.
Comment by नाथ सोनांचली on October 2, 2017 at 6:46pm
आद0 बासुदेव अग्रवाल नमन जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल में गहराई से शिरकत और सुखनवाजी का हृयतल से आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on October 2, 2017 at 6:43pm
आद0 डॉ आशुतोष मिश्र जी सादर अभिवादन, ग़ज़ल में गहराई से शिरकत और सुखनवाजी का हृदय से आभार।आपके सुझाव का तहेदिल से स्वागत है। अन्यथा जैसी कोई बात है ही नहीं। यह मंच की स्वस्थ परंपरा है। हम सब सीखने के दौर में हैं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
9 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service