For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक शब्द ....

एक शब्द टूट गया
एक शब्द रूठ गया
एक शब्द खो गया
एक शब्द सो गया
एक शब्द आस था
एक शब्द उदास था
एक शब्द देह था
एक शब्द अदेह था
एक शब्द में अगन थी
एक शब्द में लगन थी
एक शब्द जनम था
एक शब्द मरण था
एक शब्द प्यास था
एक शब्द मधुमास था
एक शब्द चन्दन था
एक शब्द क्रंदन था
एक शब्द मोह था
एक शब्द विछोह था


शब्दों की भीड़ थी
हर शब्द में पीर थी
नीर था शब्दों में
शब्द शब्द में
तहरीर थी
आदि का
जब अंत हुआ
तो
शब्द भाव
अनंत हुआ
शब्द
शब्द में मिल गया
और
अंत

परमानंद हुआ

सुशील सरना

मौलिक एवम अप्रकाशित 

Views: 560

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on March 23, 2017 at 1:58pm

आदरणीय गिरिराज जी भाई साहिब सृजन को अपने स्नेहिल शब्दों से अलंकृत करने का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on March 23, 2017 at 1:58pm

आदरणीय  narendrasinh chauhan जी प्रस्तुति को अपना आत्मीय स्नेह देने का हार्दिक आभार।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 23, 2017 at 9:12am

आदरनीय सुशील भाई , खूब सूरत दार्शनिक कविता के लिये हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by narendrasinh chauhan on March 22, 2017 at 11:04am

लाजवाब 

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2017 at 5:32pm

आदरणीय    Mohammed Ari जी  प्रस्तुति के मर्म को अपने सहमति देते लफ़्ज़ों से मान देने का तहे दिल से शुक्रिया। 

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2017 at 5:31pm

आदरणीय     Tasdiq Ahmed Khan   जी  प्रस्तुति के मर्म को अपने सहमति देते लफ़्ज़ों से मान देने का तहे दिल से शुक्रिया। 

Comment by Mohammed Arif on March 19, 2017 at 10:46pm
आदरणीय सुशील सरना जी आदाब, शब्द को बहुत सुंदर तरीक़े से आपने परिभाषित किया है आपने । वैसे भी हमारे यहाँ कहा गया है कि "शब्दम् ब्रह्मम्"। हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 19, 2017 at 7:30pm

मुहतरम जनाब सुशील सरना साहिब , शब्द की बहुत सुंदर ब्याख्या की है आपने रचना
में ,अच्छी प्रस्तुति मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ --

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम. . . . उल्फत

दोहा दशम - ..... उल्फतअश्कों से जब धो लिए, हमने दिल के दाग ।तारीकी में जल  उठे, बुझते हुए चिराग…See More
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
17 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Feb 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service