For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिवाली – ( लघुकथा ) –

दिवाली – ( लघुकथा )  –

 "अम्मा, हम लोग दिवाली क्यों नहीं मनाते, हमारी हर रात एक जैसी ही रहती है, न पटाखे, न रोशनी की लड़ियां, न नये कपड़े, न खीर पूड़ी वाले पकवान"।

"मनायेंगे मेरी बिट्टो, अगली साल जरूर मनायेंगे"।

"अम्मा, अगली साल ऐसा क्या होने वाला है"।

"तेरा बापू आयेगा परदेश से, ढेर सारे पैसे लेकर, इसलिये"।

"अम्मा, यही तसल्ली तुम पिछले तीन साल से दे रही हो"।

"बिटिया, तुम्हारे भाग्य में कम से कम यह तसल्ली तो है, बहुत लोगों के नसीब में तो यह तसल्ली भी नहीं है"।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 464

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 31, 2016 at 10:15pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी। हमारी तरफ़ से भी दिवाली की हार्दिक बधाई क़बूल फ़रमायें। नेट की समस्या के कारण जवाब देने में हुई देरी के लिये क्षमा चाहूंगा।

Comment by Samar kabeer on October 30, 2016 at 9:21pm
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत ही मार्मिक,और गरीबों की दशा बताती हुई लघुकथा लिखी है,आपने,पंच लाइन ने दिल को छू लिया,इस बहतरीन प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
मेरी तरफ़ से आपको और आपके परिवार को दीपावली की बधाई और शुभकामनायें स्वीकार कीजिए ।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 29, 2016 at 2:03pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।आपको भी दिवाली की हार्दिक बधाई।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 28, 2016 at 8:48pm
बहुत गंभीर बात बड़ी सहजता से सहज वार्तालाप में कम शब्दों में कहते हुए बढ़िया प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई आपको आदरणीय तेज वीर सिंह जी। दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service