For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुधि आँगन ....

याद  आये  वो   बैन   तुम्हारे
तृषित नयनों का सिंगार हुआ

संग समीर के
उलझी अलकें
स्मृति कलश से फिर
छलकी पलकें

याद  आये  वो  अधर तुम्हारे
फिर मूक पल हरसिंगार हुआ


स्मृति मेघों की
निर्मम गर्जन
देह कम्पन्न का
करती अभिनन्दन


याद आये वो स्पर्श तुम्हारे
आलिंगन क्षण अंगार हुआ


जब देह से देह की
गंध मिली
तब स्वप्निल पवन
मकरंद चली

याद आये वो गीत तुम्हारे
सुरभित नीरव संसार हुआ


श्वास का श्वास से
मेल हुआ
शुरू तृप्ति का अदभुत
खेल हुआ

याद   आयी  कजरारी  पलकें
सुधि आँगन में हाहाकार हुआ

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 420

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on May 2, 2016 at 5:04pm

आदरणीय सौरभ सर प्रस्तुति आपकी स्नेहिल एवं सुझावात्मक प्रशंसात्मक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार। भविष्य में इंगित बातों का ध्यान रखूंगा। हार्दिक आभार सर। 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 2, 2016 at 3:56pm
आदरणीय सुशील सरनाजी, यह प्रस्तुति गीतके करीब अवश्य हुई है. शृंगारिक भाव भी हैं लेकिन रुचिकर नहीं लगी. कई शब्द मोह में प्रयुक्त हो गये हैं. जिनसे रचना के पूर्ण अर्थ में कोई सार्थकता नहीं आती. उन शब्दों पर आपकी दृष्टि अवश्य होगी.
विश्वास है, गीत लेखन में भाव की अभिव्यक्ति को मान देने की कोशिश करेंगे.
शुभेच्छाएँ
Comment by Sushil Sarna on April 27, 2016 at 4:45pm

आदरणीय    Shyam Narain Verma   जी प्रस्तुति पर आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार।

Comment by Shyam Narain Verma on April 27, 2016 at 4:12pm
इस खूबसूरत  रचना की हार्दिक बधाई | सादर 
Comment by Sushil Sarna on April 27, 2016 at 12:11pm

आदरणीय   narendrasinh chauhan  जी प्रस्तुति पर आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on April 27, 2016 at 12:10pm

आदरणीय  सुरेश कुमार 'कल्याण'    जी सृजन को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by narendrasinh chauhan on April 27, 2016 at 11:45am

खूब सुन्दर रचना 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on April 27, 2016 at 10:42am
आदरणीय सुशील सरना जी बहुत ही सुन्दर एवं श्रृंगार युक्त शब्द चयन बधाई हो

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service