For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122   1122   1122   22

किसको कितना है मिला माल,न हमसे पूछो।

हाँ!  करप्शन  का  ये  जंजाल न  हमसे पूछो।

तेरे  कारण  हुई  है, ये  जो  मेरी  हालत  है,

अब  तुम्हीं  आके  मेरा  हाल  न  हमसे  पूछो।

ज़ेह्न-ओ-दिल से तेरी यादों को मिटा डाला,अब

बीते  दिन, गुज़रे  हुए  साल  न  हमसे  पूछो।

कौन आख़िर ले गया गाँव की पंचायत को,

कहाँ  ग़ायब  हुए  चौपाल, न  हमसे  पूछो।

जनवरी और दिसंबर के महीने में "जय",

सूर्य  तोड़ेगा  कब  हड़ताल  न  हमसे  पूछो।

=============================

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 1017

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जयनित कुमार मेहता on February 23, 2016 at 10:16pm

आदरणीय धर्मेन्द्र जी, तहे दिल से शुक्रिया आपको।।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on February 23, 2016 at 1:51pm

अच्छे अश’आर हुए हैं जयनित जी, दाद कुबूल करें।

Comment by जयनित कुमार मेहता on January 10, 2016 at 11:17pm
आपका हार्दिक धन्यवाद,आदरणीय मिथिलेश जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 7, 2015 at 4:36am

आदरणीय जयनित जी, इस बेहतरीन प्रयास पर बहुत बहुत बधाई 

Comment by जयनित कुमार मेहता on December 6, 2015 at 5:47pm
आदरणीय सौरभ जी,
मेरे हृदय में आपका स्थान एक गुरु के समकक्ष है..
आपके प्रति हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ।।
Comment by जयनित कुमार मेहता on December 6, 2015 at 5:44pm
आदरणीय अरुण कुमार निगम जी,
ग़ज़ल की त्रुटियों पर मेरा ध्यान आकृष्ट करने व ग़ज़ल की सराहना के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया।।
आप जैसे लोगों के योगदान से ही तो नौसिखिये अपना हुनर संवारते हैं.. :-)

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 6, 2015 at 2:32pm

एक अच्छी और बेहतर कोशिश के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ, आदरणीय जयनित जी. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on December 6, 2015 at 1:06pm

अन्य प्रतिक्रियायें बाद में पढीं, आपकी गज़ल में ही बंध कर रह गया था, इस विषय पर पहले से ही चर्चा हो चुकी है.मैंने व्यर्थ ही पूर्व प्रतिक्रया लिख दी. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on December 6, 2015 at 1:03pm

आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी, 

शानदार गज़ल के लिए बधाई स्वीकार कीजिये .

तेरे  कारण  हुई  है, ये  जो  मेरी  हालत  है,

अब  तुम्हीं  आके  मेरा  हाल  न  हमसे  पूछो।

स्वयं के लिए एक ही स्थान पर "मेरा" और "हम" का संबोधन हिन्दी साहित्य में दोष माना जाता है, गज़ल के मामले में इसमें कितनी छूट है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है, इस पर तो गज़ल के विद्वान ही प्रकाश डाल सकते हैं. चूंकि मुख्यतः हिन्दी से जुदा हूँ अत: क्षमा याचना सहित आपका इस पर ध्यान अवश्य ही चाहूँगा. 

कौन आख़िर ले गया गाँव की पंचायत को,

कहाँ  ग़ायब  हुए  चौपाल, न  हमसे  पूछो।

इस अश'आर के लिए मेरी दिली दाद स्वीकार कीजिये. 

Comment by जयनित कुमार मेहता on December 6, 2015 at 11:24am
आपका तहे दिल से आभार,आदरणीय गिरिराज जी..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"रिमझिम-रिमझिम बारिशें, मधुर हुई सौगात।  टप - टप  बूंदें  आ  गिरी,  बादलों…"
4 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हम सपरिवार बिलासपुर जा रहे है रविवार रात्रि में लौटने की संभावना है।   "
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ आओ देखो मेघ को, जिसका ओर न छोर। स्वागत में बरसात के, जलचर करते शोर॥ जलचर…"
7 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद *********** हरियाली का ताज धर, कर सोलह सिंगार। यौवन की दहलीज को, करती वर्षा पार। करती…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम्"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
Wednesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service