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शब्दों की ओट में छिपे मक्कार हैं बहुत
बाक़ी, अना को बेच के लाचार हैं बहुत
किसने कहा कि बज़्म में रहना है आपको
जायें ! रहें जहाँ पे तलबगार हैं बहुत
अपनी भी महफिलों की कमी मानता हूँ मैं
है फर्ज़ में कमी, दिये अधिकार हैं बहुत
समझें नहीं, कि अस्लहे सारे ख़तम हुये
अस्लाह ख़ाने में मेरे हथियार हैं बहुत
नफरत जता के हमसे, जो दुश्मन से जा मिले
वे भी मुहब्बतों के क्यूँ हक़दार हैं बहुत
धो लीजिये हुज़ूर हथेली कहीं से आप
ज़ह्नों के साथ, हाथ गुनहगार हैं बहुत
निकलेगा सूर्य तो ये भरम टूट जायेगा
गो रोशनी के सामने दीवार हैं बहुत
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मौलिक एवँ अप्रकाशित
Comment
" बहुत खूब ! इस सुंदर गजल हेतु बधाई स्वीकारें । " |
सादर
आदरणीय गिरिराज सर शानदार और लाजवाब ग़ज़ल हुई है इस शेर का तो जवाब नहीं-//किसने कहा कि बज़्म में रहना है आपको / जायें ! रहें जहाँ पे तलबगार हैं बहुत// बिलकुल दिल्जीतू शेर हुआ है. आपने अपनी वर्तमान भावनाओं को जैसा शाब्दिक किया है कई अशआर अपनी ही बात लगते है. बहुत अपनी अपनी सी ग़ज़ल हुई है. सभी अशआर एक से बढ़कर एक है. इस शानदार ग़ज़ल पर शेर दर शेर दाद हाज़िर है-
शब्दों की ओट में छिपे मक्कार हैं बहुत
बाक़ी, अना को बेच के लाचार हैं बहुत............. बहुत गहरी सोच का परिणाम है ये मतला ... शानदार
किसने कहा कि बज़्म में रहना है आपको
जायें ! रहें जहाँ पे तलबगार हैं बहुत.............. हासिल-ए- ग़ज़ल
अपनी भी महफिलों की कमी मानता हूँ मैं
है फर्ज़ में कमी, दिये अधिकार हैं बहुत............. बढ़िया बात
समझें नहीं, कि अस्लहे सारे ख़तम हुये
अस्लाह ख़ाने में मेरे हथियार हैं बहुत........... वाह वाह
नफरत जता के हमसे, जो दुश्मन से जा मिले
वे भी मुहब्बतों के क्यूँ हक़दार हैं बहुत.....................बहुत खूब सर
धो लीजिये हुज़ूर हथेली कहीं से आप
ज़ह्नों के साथ, हाथ गुनहगार हैं बहुत ............. बढ़िया
निकलेगा सूर्य तो ये भरम टूट जायेगा
गो रोशनी के सामने दीवार हैं बहुत ............ वाह वाह कमाल का शेर हुआ है.
आदरणीय गिरिराज सर इस शानदार ग़ज़ल पर शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर
शब्दों की ओट में छिपे मक्कार हैं बहुत
बाक़ी, अना को बेच के लाचार हैं बहुत
बहुत सुन्दर ग़ज़ल......बधाई !!!!!!!
निकलेगा सूर्य तो ये भरम टूट जायेगा
गो रोशनी के सामने दीवार हैं बहुत
वाह आदरणीय गिरिराज भाई साहिब क्या बात कह गए ''गो रोशनी के सामने दीवार हैं बहुत '' इस भाव पर हमारी तालियों की गूँज स्वीकार करें। इस प्रस्तुति पर आपको हार्दिक हार्दिक बधाई।
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