For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीतिका(मनन कु सिंह)

गीतिका(मात्रा भार-20 मात्राएँ)
हम यादों की बाती जलाते रहे।
तुम यादों के दीपक बुझाते रहे।
हम यादों के सपने सजाते रहे,
तुम सपनों की अर्थी उठाते रहे।
हम सपनों की मूरत बनाते रहे,
तुम मूरत की सूरत छिपाते रहे।
हम सपनों की सूरत दिखाते रहे,
तुम सूरत से अपनी लजाते रहे।
हम बातें वो लिखकर बताते रहे,
तुम बातें भी अपनी मिटाते रहे।
हम नज़रों में तुमको बिठाते रहे,
तुम नज़रों से दूरी बनाते रहे।
तुम बरसे भी कहाँ,बस छाते रहे,
तुम सूखी-सी रेती उड़ाते रहे।
हम यादों के आँसू सुखाते रहे,
तुम सपनेभीअब से भिगाते रहे।
'मौलिक व अप्रकाशित'@ मनन

Views: 423

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on July 25, 2015 at 7:13pm
मुखड़ा गीतिका होती,थोडा संशोधन करना रह गया है।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 21, 2015 at 12:04pm

भावपूर्ण रचना प्रस्तुति के लिए बधाई आपको पर ये गीतिका तो नहीं है श्री मनन सिंह जी | इसे गीतिका नाम क्यों दिया है, कृपया बताए | सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 21, 2015 at 11:29am

आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 21, 2015 at 11:05am

आ. मनन भाई , दिधा से परिचित तो नही हूँ , पर प्रस्तुति अच्छी लगी , बधाई आपको ।

Comment by Manan Kumar singh on July 20, 2015 at 7:42pm
शुक्रिया समर भाई
Comment by Samar kabeer on July 20, 2015 at 2:34pm
जनाब मनन कुमार सिंह जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service