For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भारत -मेरी कल्पना

सुबह हो हमारी अपनों के बीच रहकर हो 
हमारे ख्वाब और कोलाहल वाले नभचर हों 
चहचहाती चिड़ियों के आनंदित लम्हें हों 
सुगन्धित वायु से परिपूर्ण सब पुष्प सुनहरे हों 
हमारी जिद है ,भारत की सुबह बनाने की 
जिद है हमारे दिल में ,एक भारत बनाने की |
लहलहाते हुए सब खेत और खलिहान गाते हों 
न फ़िल्मी दुनिया के सब अपमान गाते हों 
एकसाथ मिलकर हमसब राष्ट्रगान गाते हों 
सुबह उठकर सभी अपने प्रभु गुणगान गाते हों 
जिद है सुबह-ए-शाम वीरगान गाने की 
जिद है हमारे दिल में ,एक भारत बनाने की |
भेदभाव न करके सब एकसाथ रहते हों 
पिता को पिताजी और माँ को माँ कहते हों 
बराबर भागीदारी में सुख-दुःख सहते हो 
अपने पराये में भी एहमियत समझते हों 
हमारी जिद है, भारत में ये पैगाम पहुचाने की 
जिद है हमारे दिल में ,एक भारत बनाने की |
सभी धर्म की आड़ में दानव न बनते हों
ज्ञान ले लिया हो पर कभी रावण न बनते हों 
मित्रता का झांसा देकर दरिन्दे न बनते हों 
असफल हों फिर भी आत्महत्या न बनते हों 
जिद है ,हिन्दुस्ता को अपने स्वर्ग बनाने की 
जिद है हमारे दिल में ,एक भारत बनाने की ||
********************************************
"मौलिक वा अप्रकाशित "

Views: 611

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on April 9, 2015 at 6:17pm

आ,  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी ,रचना पर आपने प्रतक्रिया दे,,मैं आपका आभारी हूँ,,,आ.आपसब की छत्रछाया में में अवश्य पद्य रचना में सफल हो जाऊंगा ,,,,अपना आशीष सदैव  बनाये रखें |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 9, 2015 at 5:59pm

प्रिय महर्षि

आप सौरभ जी की टीप को  समझे i उन्होंने संकेत में काफी कुछ कह दिया है  i आपके पास भाव है शब्दों में पिरोना धीरे से आयेगा . मेरी शुभ कामनाएं . स्नेह .

Comment by maharshi tripathi on April 9, 2015 at 4:54pm

आ. शिज्जु "शकूर" जी रचना आपको पसंद आई ,,आपका आभार सादर |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 8, 2015 at 10:21am

आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी भावाभिव्यक्ति हेतु बहुत बहुत बधाई


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 7, 2015 at 11:55pm

आपकी कल्पना सात्विक है, इसके लिए आप साधुवाद के पात्र हैं.

आप पद्य रचनाओं के मूल को समझें.

शुभेच्छाएँ

Comment by maharshi tripathi on April 7, 2015 at 5:53pm

रचना पर उत्साहवर्धक ,टिप्पणी देने हेतु आप सभी का आभार | 

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 7, 2015 at 10:26am
वाह ! भावपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति , आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी , बधाई , सादर।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 7, 2015 at 10:22am

सभी धर्म की आड़ में दानव न बनते हों
ज्ञान ले लिया हो पर कभी रावण न बनते हों            बहुत सुन्दर!

जिद है ,हिन्दुस्ता को अपने स्वर्ग बनाने की 
जिद है हमारे दिल में ,एक भारत बनाने की ||
सुंदर रचना पर बधाई भाई महर्षि जी!

Comment by Shyam Narain Verma on April 7, 2015 at 10:07am
वाह ! बहुत खूब | सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service