For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“अरे!! भाई.. दोनों में से एक बैल तो अभी दांत वाला है, ठीक से कीमत बता. फिर बिना दांत वाला वैसे ही लेजा, उसका क्या करूँगा मैं..? आखिर खली-भूसा भी महंगा पड़ता है..”

“पटेल भैया .. दांत वाले की ही कीमत है, बुढ्ढे बैल को मुझ से भी कौन खरीदेगा..? यहीं खूंटे भी ही मरने दो..”

नजदीक ही पटेल भैया के बीमार पिता, चारपाई पर पड़े सारी बातें सुन रहे थे...

 

  जितेन्द्र पस्टारिया

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 854

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 25, 2015 at 10:22am

आपका आत्मीय आभार ,आदरणीय निलेश जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 25, 2015 at 10:22am

आपके प्रोत्साहन से बहुत मनोबल मिलता है, आदरणीय जवाहर जी. ह्रदय से आभारी हूँ

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 25, 2015 at 10:21am

लघुकथा पर आपकी उपस्थिति हेतु आपका ह्रदय से आभार, आदरणीय डा.आशुतोष जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 25, 2015 at 10:20am

रचना आपका आशीर्वाद पाकर,धन्य हुई आदरणीय विजय जी. ह्रदय से आभारी हूँ

सादर!

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 25, 2015 at 8:35am

बहुत खूब ...

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 24, 2015 at 10:21pm

जितेन्द्र जी, आपकी लघुकथा का जवाब नहीं....बहुत सटीक 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 24, 2015 at 2:35pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी ..अंतस को झकझोरती इस शानदार लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर 

Comment by vijay nikore on March 24, 2015 at 10:55am

 सदैव समान सुन्दर मार्मिक लघुकथा। बधाई।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 24, 2015 at 10:44am

लघुकथा पर आपकी स्नेहिल सराहना के लिए ,ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीया राजेश दीदी.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 24, 2015 at 10:42am

आदरणीय कृष्णा जी. आपकी लघुकथा पर पुन: उपस्थिति हेतु आपका आभारी हूँ. रचना में दो पात्र है विक्रेता और क्रेता. विक्रेता को इनपुट के अनुसार सही आउटपुट नही मिल पा रहा है याने की बिना दांत का बैल ,जिसे क्रेता ने बुजुर्ग कहा है. बैल जब तक स्वस्थ और युवा होता है ताकतवर रहता है और इंसान को उसकी ताकत से ही आउटपूट मिलता है दांत गिरने के बाद बैल उतना खा नही पाता ,जितना की उससे काम लिया जा सके. ऐसे जानवरों को पालने वाले उन पर पूरा ध्यान देते है उनकी खुराक एकदम से कम हो जाना अक्सर उनकी बीमारी की तरफ ही इशारा करती है.

सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
4 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
4 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
4 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"सही कहा आपने। ऐसा बचपन में हमने भी जिया है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday
Sushil Sarna posted blog posts
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service