For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सिमट रहा है जीवन का वृत्त

परिधि कम ही होगी धीरे- धीरे

 

लोगों के टोकने पर

जाने लगा हूँ पार्क में टहलने 

मन बहलता तो नहीं है

पर देता हूँ बहलने

शरीर को मेन्टेन रख्नना है

पर गलेगी देह भी धीरे-धीरे

वृत्त की परिधि कम होगी धीरे-धीरे

 

पढ़ना चाहता हूँ

किताबे दशको तक मित्र रही है मेरी

पर अब सब धुन्धला जाता है

चश्मा भी अब काम नहीं आता है

लिखना तो बंद था ही

हुयी पढने की भी मनाही

ज्योति भी यूँ ही बुझेगी धीरे-धीरे

वृत्त सिकुडेगा और धीरे-धीरे  

 

जब सुन नहीं पाउँगा

बोल नहीं पाउँगा

चल नहीं पाउँगा

डोल नहीं पाउँगा

दूसरो के लिए बोझ बनूँगा धीरे-धीरे

वृत्त होगा फिर एक शून्य धीरे-धीरे  

 

 

 शून्य को भी होता है

अंत में सिकुड़ना

जिसे कहते परिधि का

केंद्र से जुड़ना

बिंदु से ही पूर्णता मिलेगी धीरे–धीरे

पूर्णता को प्राप्त करूंगा धीरे –धीरे

 

 

बिन्दु छोटा होकर

अदृश्य हो जाता हैं

पार्थिव दृष्टि से

नजर नहीं आत्ता है

मै भी नहीं दूंगा दिखाई धीरे–धीरे

पूर्ण होकर पूर्ण से मिलूंगा धीरे -धीरे

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते.
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते..

( पूर्ण है I यह पूर्ण है I पूर्ण से पूर्ण उदित होता

है I पूर्ण का पूर्ण लेकर  पूर्ण ही शेष बचता है I )

 

 

 (मौलिक व् अप्रकाशित )

    

Views: 676

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 12, 2015 at 7:34pm

आदरणीय दादा शरदिंदु जी

आपका कहना -इतनी आसानी से पूर्णत्व प्राप्त नहीं होगा' बिलकुल सत्य है  i उतना ही शाश्वत यह भी है कि इन ज्क्लंत प्रश्नों के उत्तर अधर में हैं i सबके अपने अलग अलग कयास है i सादर i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on February 3, 2015 at 5:56pm
शाश्वत सत्य को लेकर लिखी गयी ऐसी सात्विक रचना के बारे में कुछ भी कह पाना सहज नहीं. आपके वृत्त की परिधि को बहुत से मासूम रचनाकारों की अबोध अंगुलियाँ थामे हुई हैं....इतनी आसानी से "पूर्णत्व" प्राप्ति नहीं होगी आदरणीय. अशेष शुभकामनाएँ.
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:27pm

आ० खुर्शीद जी

आपकी  सुष्ठु  प्रतिक्रिया से  मन प्रसन्न हो गया i सादर i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:24pm

आपका बहुत-बहुत आभार ii  आ 0 गुमनाम जी

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:21pm

सोमेश जी

आपका बहुत-बहुत आभार i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:20pm

आदरणीय अनुज भंडारी जी

आपकी  अर्थ पूर्ण टिप्पणी से मन प्रसन्न हो गया i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:17pm

आ० सरना जी

आपकी आत्मीय टिप्पणी से अभिभूत हुआ i सादर  i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:14pm

आ० हरिवल्लभ  जी

आपकी टीप ने अभिभूत कर दिया i सादर  i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:10pm

विजय सर !

आपका बहुत-बहुत आभार i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 9, 2015 at 12:08pm

आ० माहेश्वरी जी

आपका बहुत-बहुत आभार i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और मार्गदर्शन के लिए आभार। गजल गलत थ्रेड में पोस्ट…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"2122 2122 2122 212 हंस उड़ने पर भला तन बोल क्या रह जाएगाआदमी के बाद उस का बस कहा रह जाएगा।१।*दोष…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। दोष होना तो…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  2122 2122 2122…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"नमन मंच 2122 2122 2122 212 जो जहाँ होगा वहीं पर वो खड़ा रह जाएगा ज़श्न ऐसा होगा सबका मुँह खुला रह…"
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
11 hours ago
Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service